खून के थक्के जमने की समस्या के कारण रोका गया बच्चों पर एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का ट्रायल
खून के थक्के जमने की समस्या के कारण ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी की कोरोना वायरस वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल रोक दिया गया है। यूनिवर्सिटी ने अपने बयान में कहा कि वयस्कों में थक्के जमने के मामलों पर ब्रिटिश रेगुलेटर से ठोस जानकारी आने के बाद ही ट्रायल को फिर से शुरू करने पर फैसला लिया जाएगा। अभी तक बच्चों के ट्रायल में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।
यूनिवर्सिटी ने अपने बयान में क्या कहा?
बच्चों पर ट्रायल रोकने की जानकारी देते हुए यूनिवर्सिटी ने कहा, "यद्यपि बच्चों के क्लिनिकल ट्रायल में अभी तक कोई सुरक्षा संबंधी चिंता सामने नहीं आई है, हम ट्रायल में आगे वैक्सीनेशन करने से पहले वयस्कों में सामने आए थ्रोम्बोसिस के दुर्लभ मामलों पर MHRA (ब्रिटिश रेगुलेटर) की समीक्षा रिपोर्ट का इंतजार रह रहे हैं।" यूनिवर्सिटी ने कहा कि माता-पिता और बच्चों को सभी तय कार्यक्रम में हिस्सा लेते रहें और कोई समस्या होने पर ट्रायल साइट से संपर्क करें।
यूरोप में आए थे एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से खून के थक्के जमने के मामले
गौरतलब है कि यूरोप के कई देशों में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से लाभार्थियों के खून में थक्के जमने (थ्रोम्बोसिस) के मामले सामने आए थे और इसके कारण ऑस्ट्रिया की एक 49 वर्षीय नर्स की मौत भी हो गई थी। इसके बाद सबसे पहले ऑस्ट्रिया और फिर डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे, एस्टोनिया, लताविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल और स्लोवेनिया समेत कई यूरोपीय देशों ने वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी और इसकी आपूर्ति रोक दी थी।
थक्कों पर इस हफ्ते आएंगी WHO और EMA की रिपोर्ट्स
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (EMA) ने वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित बताया था और इन देशों से इसका इस्तेमाल जारी रखने की अपील की थी। EMA ने मामले की जांच के लिए एक समीक्षा समिति भी बनाई थी जिसने अपनी शुरूआती रिपोर्ट में खून के थक्के जमने की समस्या और वैक्सीन के बीच कोई संबंध न होने की बात कही थी। WHO और EMA दोनों अपनी विस्तृत इस हफ्ते के अंत में पेश करेंगी।
MHRA भी कर रही वैक्सीन और खून के थक्कों के बीच संबंध की समीक्षा
इसके अलावा ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) भी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से खून के थक्के जमने की समस्या की समीक्षा कर रही है। MHRA असल दुनिया की परिस्थितियों में वैक्सीन के प्रयोग के डाटा का विश्लेषण कर यह देख रही है कि इसमें और खून के थक्के जमने में कोई सीधा संबंध है या नहीं। MHRA के अनुसार, 1.8 करोड़ खुराकें लगने के बाद देश में थ्रोम्बोसिस के 30 मामले आए हैं और सात की मौत हुई।
कई विवादों में रह चुकी है एस्ट्राजेनेका वैक्सीन
दुनिया की सबसे सस्ती कोरोना वैक्सीनों में शामिल एस्ट्राजेनेका वैक्सीन शुरू से ही विवादों में है। पहले एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के बाद दुनियाभर में वैक्सीन का ट्रायल रोका गया और फिर ट्रायल के दौरान खुराक देने में हुई गलती के कारण कंपनी को गंभीर सवालों का सामना करना पड़ा। 60 साल से अधिक उम्र के लोगों पर वैक्सीन की प्रभावशीलता पर भी सवाल उठे और कई देशों ने बुजुर्गों पर इसका इस्तेमाल बंद कर दिया।