चमगादड़ों में मामूली बदलाव के बाद इंसानों में आया था कोरोना वायरस- अध्ययन
एक नए अध्ययन में सामने आया है कि कोरोना वायरस चमगादड़ों में मामूली बदलाव के बाद इंसानों में आया था और इंसानों में आने से पहले ही इस वायरस ने चमगादड़ों में रहते हुए एक से दूसरे व्यक्ति तक फैलने की क्षमता हासिल कर ली थी। कोरोना महामारी फैलाने वाले SARS-CoV-2 वायरस के हजारों जीनोम सीक्वेंस का विश्लेषण कर यह अध्ययन किया गया था, जो PLOS बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
शुुरुआती 11 महीनों में वायरस में हुए मामूली बदलाव
इस अध्ययन में यह जानकारी भी मिली है कि महामारी के शुरुआती 11 महीनों में वायरस में बहुत मामूली जेनेटिक बदलाव हुए थे। हालांकि, इनमें से D614G जैसे कुछ बदलावों ने वायरस की बायोलॉजी को प्रभावित किया था। इस अध्ययन में शामिल वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की क्षमता हैरान करने वाली है। आमतौर पर वायरस इतने संक्रमित नहीं पाए जाते हैं। कई वायरस अपने हॉस्ट (जिनमें वो होते हैं) बदलते ही खत्म हो जाते हैं।
आमतौर पर वायरसों में नहीं होती ऐसी क्षमता
अध्ययन करने वाली टीम में शामिल अमेरिका की टेंपल यूनिवर्सिटी के सर्गई पॉन्ड ने कहा कि नई प्रजाति में आने वाले वायरस को कोरोना की तरह फैलने में कुछ समय लगता है और अधिकतर वायरस इस स्तर पर नहीं पहुंच पाते। इसकी वजह से ऐसे संक्रमण कुछ ही लोगों को अपनी चपेट में लेकर खत्म हो जाते हैं। कोरोना के मामले में वैज्ञानिकों का कहना है कि इसमें इंसानों में आने से पहले ही बदलाव हो गए थे।
चमगादड़ों में रहते हुए वायरस ने बनाई क्षमता
इस अध्ययन में सामने आए नतीजों के आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस लोगों को संक्रमित करने की क्षमता के साथ ही आया था। इससे ऐसा लगता है कि उसमें यह क्षमता चमगादड़ों में रहते हुए ही विकसित हो गई थी।
अब तेजी से बदल रहा वायरस- वैज्ञानिक
अभी ज्यादातर मामलों में यह वायरस इंसानों की इम्युनिटी के आगे नहीं टिक पाता है, लेकिन वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अब यह बदल रहा है। इनका कहना है कि जिस वायरस के खिलाफ कंपनियों ने वैक्सीन्स तैयार की हैं, अब यह उस स्वरूप से तेजी से दूर जा रहा है। हालांकि, फिलहाल मौजूद वैक्सीन्स दुनियाभर में फैल रहे वायरस के खिलाफ काम करेंगी, लेकिन समय बढ़ने के साथ-साथ यह वैक्सीन से बचने की क्षमता हासिल कर सकता है।
कम समय में अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने की जरूरत- रॉबर्टसन
अध्ययन करने वाली टीम के प्रमुख और ग्लास्गो यूनिवर्सिटी से जुड़े डेविड एल रॉबर्टसन ने कहा कि पहले वैक्सीन बनाने के लिए भागदौड़ हो रही थी। अब दुनियाभर में अधिक से अधिक लोगों को कम से कम समय में वैक्सीन लगाने की भागदौड़ करनी पड़ेगी।
दुनियाभर में महामारी की क्या स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 11.95 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 26.49 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 2.94 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 5.34 लाख लोगों की मौत हुई है। दूसरे नंबर पर काबिज ब्राजील में 1.14 करोड़ संक्रमितों में से लगभग 2.77 लाख मरीजों की मौत हुई है। वहीं भारत में 1.13 करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं और 1.58 लाख मरे हैं।