केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को दशहरे का तोहफा मिला, 4 प्रतिशत बढ़ा महंगाई भत्ता
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को दशहरे का बड़ा तोहफा दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के महंगाई भत्ते (DA) में चार प्रतिशत बढ़ोतरी किए जाने को मंजूरी दे दी गई है।
ऐसे में अब 1.10 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बढ़े हुए महंगाई भत्ते का फायदा मिलेगा। सरकार की इस घोषणा से कर्मचारियों में खुशी की लहर है।
राहत
कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता
सरकार के निर्णय के अनुसार, महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। अब तक इन्हें 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा था।
कर्मचारियों को इसके भुगतान के लिए केंद्र सरकार के कोष पर सालाना करीब 12,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार बढ़ेगा।
सरकार के इस फैसले का 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 62 लाख पेंशनर्स को सीधे तौरपर फायदा मिलेगा।
लागू
कब से मिलेगा बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता?
सरकार की तरफ से महंगाई भत्ते में की गई बढ़ोतरी का लाभ कर्मचारियों और पेंशनर्स को 1 जुलाई, 2022 से लागू होगा। इससे पहले सरकार ने मार्च 2022 में जनवरी से महंगाई भत्ता बढ़ाने का ऐलान किया था।
उस समय केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता 31 प्रतिशत से बढ़ाकर 34 प्रतिशत किया गया था।
इस इस हिसाब से कर्मचारियों और पेंशनर्स को सितंबर के वेतन में दो महीने का एरियर भी दिया जाएगा।
बढ़ोतरी
वेतन में कितना होगा इजाफा?
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में साल में दो बार इजाफा होता है। अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 30,000 रुपये है तो उसे महंगाई भत्ते के तौर पर अभी 10,200 रुपये मिल रहे हैं। यह रकम मूल वेतन का 34 प्रतिशत है।
महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत का इजाफा होने के बाद बाद कर्मचारी को 11,400 रुपये मिलेंगे। यानी इसमें 1,200 रुपये का इजाफा होगा।
मूल वेतन बढ़ने से महंगाई भत्ते की कुल रकम में भी बढ़ोतरी हो जाएगी।
जानकारी
क्या होता है महंगाई भत्ता?
जब बढ़ती महंगाई के कारण वस्तुओं के दाम बढ़ते जाते हैं तो लोगों के पास मौजूद पैसे की क्रय क्षमता यानि वैल्यू कम होने लगती है।
इस महंगाई से राहत देने के लिए सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है ताकि लोग बढ़ते हुए खर्चों का सामना कर सकें और जरूरत की चीजों की कीमत बढ़ने के बावजूद भी उनकी जेब पर अतिरिक्त खर्च न आए।
राज्य सरकारें केंद्र सरकार के हिसाब से ही भत्ता बढ़ाती हैं।
गणना
महंगाई दर के आधार पर की जाती है भत्ते की गणना
महंगाई भत्ते की गणना के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स की महंगाई दर को आधार मनाती है और इसके आधार पर हर साल में दो बार कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है।
अभी पिछले कुछ महीनों से देश की महंगाई दर दो-छह प्रतिशत की भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लक्ष्य से अधिक बनी हुई है। इस दर में यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण कच्चे तेल के दामों में हुई वृद्धि का असर शामिल नहीं है।