हेट स्पीच मामले में कार्रवाई के लिए तीन महीने में फैसला करे हाई कोर्ट- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के दौरान कथित हेट स्पीच के लिए भाजपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर फैसला करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट को तीन महीने का समय दिया है। दरअसल, पिछले साल दिल्ली में हिंसा के दौरान भाजपा नेताओं ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए थे। उसको लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई थी, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया था।
इन नेताओं ने दिए थे भड़काऊ भाषण
बता दें कि पिछले साल दिल्ली जनवरी में दिल्ली में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता कपिल मिश्रा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा ने रैलियों में भड़काऊ भाषण दिए थे। उसके बाद दिल्ली में हिंसा भी भड़क गई थी। इसको लेकर तीन लोगों ने दिल्ली हाई कोर्ट में इन नेताओं के खिलाफ हेट स्पीच में मामला दर्ज कराने और जांच के लिए SIT गठित करने की मांग की थी, लेकिन उस पर सुनवाई नहीं हुई।
मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी याचिका
मामले में कार्रवाई नहीं होने के बाद तीनों याचिकाकर्ताओं ने गत दिनों सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले में कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट नेताओं की हेट स्पीच मामले में उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं कर रहा है। इससे उन्हें हिंसा के साल भर बाद न्याय के लिए भड़कना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया था कि इन नेताओं के भड़काऊ बयानों के कारण ही दिल्ली में हिंसा हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को दिया तीन महीने का समय
मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि वह मामले में फिलहाल हाई कोर्ट को जल्द सुनवाई के लिए कह सकते हैं। इसके बाद पीठ ने हाई कोर्ट को मामले को गंभीरता से लेने और भाजपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने पर तीन महीने में फैसला करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है इस मामले में कोई निर्णय हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में भी दिए थे जल्द सुनवाई के निर्देश
बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च में भी दिल्ली हाई को जल्द सुनवाई के निर्देश दिए थे। उस दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि किसी भी मामले को लंबे समय तक लटकाए रखना उचित नहीं है। इसी को आधार बनानते हुए याचिकाकर्ताओं के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में सुप्रीम कोर्ट के जल्द सुनवाई के निर्देश के बाद भी देरी की है। इससे याचिकाकर्ताओं को न्याय नहीं मिला।
तीन दिनों तक दंगों की आग में जली थी दिल्ली
पिछले साल फरवरी में उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में लगातार तीन दिन दंगे हुए थे। उस दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप भारत दौरे पर थे। दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि लगभग 500 घायल हुए थे। मरने वालों में दिल्ली पुलिस का एक हेड कांस्टेबल भी शामिल था। दंगों में संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था। दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी थी।