सुप्रीम कोर्ट पहुंचा गुरुग्राम में खुले में नमाज का मामला, पूर्व सांसद ने दाखिल की याचिका
क्या है खबर?
हरियाणा के गुरुग्राम में मुस्लिम समुदाय के लोगों के खुले में नमाज अदा करने का मामला गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।
पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब ने इस संबंध में याचिका दायर करते हुए मामले में राज्य के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की है।
बता दें कि गत दिनों हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने खुले में नमाज की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। उसके बाद से मामला गर्म है।
पृष्ठभूमि
क्या है मामला?
बता दें कि गुरूग्राम में खुले में नमाज अदा करने को लेकर कुछ हिंदू संगठन विरोध करते आए हैं। इसको देखते हुए साल 2018 में जिला प्रशासन ने शुक्रवार की नमाज के लिए शहर में 37 जगहों को निर्धारित कर दिया था।
उसके बाद से वहां नियमित रूप से नमाज अदा की जा रही थी, लेकिन पिछले कुछ सप्ताह से हिंदू संगठनों ने खुले में नमाज का विरोध शुरू कर दिया। इसको लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है।
विरोध
अक्टूबर में नमाज का विरोध करने पर पुलिस ने हिरासत में लिए थे 30 लोग
29 अक्टूबर में हिंदु संगठनों ने पुलिस द्वारा नमाज के लिए निर्धारित स्थलों पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया था। इससे आपसी टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। उस दौरान पुलिस ने हिंदु संगठन के 30 लोगों को हिरासत में लिया था।
उसके बाद हिंदु संगठनों ने विरोध तेज कर दिया और 3 नवंबर में नमाज स्थल पर गाय का गोबर फैला दिया था। इससे पुलिस और प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे। बाद में स्थिति को काबू में लिया।
जानकारी
प्रशासन ने आठ जगहों से वापस ले ली थी नमाज की अनुमति
विवाद के बाद प्रशासन ने नमाज के लिए निर्धारित आठ जगहों से अनुमति वापस लेते हुए कहा था स्थानीय लोगों की आपत्ति के कारण अनुमति वापस ली गई है। अब किसी भी सार्वजनिक या खुली जगह पर नमाज अदा करने से पहले अनुमति लेनी होगी।
स्पष्ट
मुख्यमंत्री खट्टर ने दिया था खुले में नमाज नहीं होने देने का बयान
इस विरोध के बीच 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा था, "अगर कोई अपनी जगह नमाज पढ़ता है, पाठ पढ़ता है या पूजा करता है तो दिक्कत नहीं है। खुले स्थानों पर ऐसे कार्यक्रम नहीं होने चाहिए और इन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
इसके अलावा उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि खुले में नमाज पढ़कर आपसी टकराव नहीं होना चाहिए। बैठक कर कई स्थानों पर दी गई नमाज की मंजूरी को अब वापस ले लिया गया है।
याचिका
पूर्व सांसद ने की अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मामले में पूर्व राज्यसभा सांसद अदीब ने सुप्रीम कोर्ट दायर याचिका में कहा है कि हरियाणा सरकार के अधिकारी सांप्रदायिक और हिंसक प्रवृत्तियों को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने में पूरी तरह से असफल रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप नफरत बढ़ाने वाले अपराध हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोर्ट ने मामले में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल और पुलिस महानिदेशक (DGP) पीके अग्रवाल के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करनी चाहिए।
दलील
पूर्व सांसद ने याचिका में दी यह दलील
याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में तहसीन पूनावाला के मामले में भीड़ द्वारा हिंसा और लिंचिंग सहित हेट क्राइम को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी की थी, लेकिन हाल के कुछ महीनों में कुछ तत्वों के इशारे पर मुसलमानों द्वारा जुमे की नमाज़ के दौरान लोगों के इकट्ठा होने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि ये लोग शहर भर में एक समुदाय के खिलाफ नफरत और पूर्वाग्रह का माहौल बनाना चाहते हैं।
जानकारी
पुलिस पर लगाया कार्रवाई नहीं करने का आरोप
पूर्व सांसद अदीब ने कहा कि गुरुग्राम में नमाज के वक्त कुछ शरारती तत्वों के द्वारा नमाज में बाधा डाली जा रही है और भड़काऊ भाषण दिया जाता है। इसकी शिकायत कई बार पुलिस प्रशासन से की गई, लेकिन पुलिस ने उचित कदम नहीं उठाया।