ऑक्सीजन किल्लत पर दिल्ली हाई कोर्ट की केंद्र को फटकार, कहा- हम नहीं मूंद सकते आंखें
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आई ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई।
इसमें हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि महामारी के इस दौर में ऑक्सीजन की कमी से हो रही मरीजों की मौत पर केंद्र अपनी आंखें मूंद सकता है, लेकिन कोर्ट ऐसा नहीं कर सकता।
पृष्ठभूमि
ऑक्सीजन की कमी से दिल्ली में लगातार हो रही मरीजों की मौत
बता दें कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से लगातार मरीजों की मौत हो रही है। गत 22 अप्रैल को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 25 मरीजों की मौत हो गई थी।
इसके बाद 23 अप्रैल को जयपुर गोल्डन अस्पताल में भी 25 मरीजों ने दम तोड़ दिया था।
1 मई को दिल्ली के बत्रा अस्पताल में भी ऑक्सीजन की कमी के कारण ICU में भर्ती 12 मरीजों की मौत हो गई थी।
आपूर्ति
महाराष्ट्र से दिल्ली पहुंचाए जा सकते हैं ऑक्सीजन के टैंकर- हाई कोर्ट
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि वर्तमान में महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की खपत कम हैं। ऐसे में वहां से ऑक्सीजन टैंकरों को दिल्ली मंगवाया जा सकता है।
इस दौरान एमिकस क्यूरी ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हो रही है। इसके बाद भी ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं की जा रही है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र को इस पर गौर करना चाहिए।
जानकारी
केंद्र बताए कि क्यों नहीं की जाए अवमानना की कार्रवाई- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली को 700 मीटि्रक टन ऑक्सीजन आपूर्ति आदेश दिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे में केंद्र बताए कि उस पर अवमानना की कार्रवाई क्यों नहीं की जाए?
जवाब
केंद्र सरकार कर रही दिल्ली तक ऑक्सीजन पहुंचाने के प्रयास
अतिरिक्त महाधिवक्ता (ASG) चेतन शर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार पहले से ही अन्य राज्यों से दिल्ली में ऑक्सीजन सिलेंडर को पहुंचाने की संभावना पर विचार कर रही है और ऐसा ही किया जाएगा।
इस पर दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 700 मीटि्रक टन ऑक्सीजन आपूर्ति के आदेश दिए थे, लेकिन अब तक केवल 433 मीटि्रक टन ऑक्सीजन की ही आपूर्ति की गई है।
फटकार
हाई कोर्ट ने लगाई केंद्र को फटकार
दिल्ली के वकील द्वारा आरोप लगाए जाने पर ASG शर्मा ने इसे केवल बयानबाजी करार दिया।
इस पर कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा, "क्या यह केवल एक बयानबाजी है? यह वास्तविकता है। आप मामले में अपनी आंखें मूद सकते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते हैं।यह बहुत ही असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण है। आप इस तरह का बयान कैसे दे सकते हैं?"
इसके बाद हाई कोर्ट ने केंद्र से ऑक्सीजन आपूर्ति करने वालों की जानकारी मांग ली।
सुझाव
हाई कोर्ट ने दिया ऑक्सीजन बैंक बनाने का सुझाव
दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से निपटने को हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को बल्ड बैंक की तर्ज पर ऑक्सीजन सिलेंडर बैंक बनाने का भी सुझाव दिया। इस बैंक में लोग ऑक्सीजन सिलेंडर जमा कर सकते हैं, जिन्हें जरूरत हो वहां से ले सकते हैं।
हाई कोर्ट ने कहा इस पर काम करें और लोगों को समझाएं कि वो जरूरत ना होने पर सिलेंडर बैंक में जमा कर दें। दिल्ली सरकार ने कहा ने इस पर काम करने का भरोसा दिया।
सहायता
हाई कोर्ट ने दिया IIT और IIM विशेषज्ञों की मदद लेने का सुझाव
हाई कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) के विशेषज्ञों से भी मदद ले सकती है।
इसके अलावा सरकार को ऑक्सीजन बनाने प्लांटों का पूरी क्षमता से इस्तेमाल करने और दिल्ली सरकार के सेना की मदद से फील्ड अस्पताल संचालित करने के अनुरोध पर भी ध्यान देने को कहा।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को इन मुद्दों पर तेजी से काम करने के आदेश दिए हैं।
जानकारी
दिल्ली में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
दिल्ली में सोमवार को संक्रमण के 18,043 नए मामले सामने आए हैं और 448 की मौत हुई है। इसी के साथ यहां संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 12.10 लाख के पार पहुंच गई है। इनमें से अब तक 17,414 मरीजों की मौत हो चुकी है।