
निक्की हेली की ट्रंप को चेतावनी, कहा- भारत के साथ चीन जैसा विरोधी व्यवहार ठीक नहीं
क्या है खबर?
अमेरिका की रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने बुधवार को एक लेख लिखकर अमेरिका और भारत के संबंधों पर प्रकाश डाला है और उसे मजबूत बनाने की वकालत की है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत रहीं हेली ने कहा कि भारत के साथ लोकतांत्रिक साझेदार की तरह व्यवहार होना चाहिए न की चीन की तरह विरोधियों जैसा। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध आज चिंताजनक मोड़ पर खड़े हैं, जिसे पटरी पर लाने से ज्यादा कुछ जरूरी नहीं है।
चिंता
भारत-अमेरिकी संबंधों को लेकर क्या बोलीं हेली?
भारतीय मूल की हेली ने न्यूजवीक में लिखा, "जुलाई 1982 में, राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन द्वारा व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए एक राजकीय रात्रिभोज के 4 दशक बाद अमेरिका-भारत संबंध एक चिंताजनक मोड़ पर हैं। ट्रंप प्रशासन की विदेश नीति के लक्ष्यों, चीन को मात देना और ताकत के बल पर शांति स्थापित करना, इसको हासिल करने के लिए अमेरिका-भारत संबंधों को पटरी पर लाने से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है।"
निशाना
रूस से तेल खरीदना सही नहीं- हेली
हेली ने आगे लिखा, "डोनाल्ड ट्रंप का रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदने के लिए भारत पर निशाना साधना सही है, जिससे व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन युद्ध के लिए धन जुटाने में मदद मिल रही है। भारत की औसत टैरिफ दर 2023 में अमेरिकी औसत से 5 गुना ज्यादा है, लेकिन भारत के साथ एक बहुमूल्य स्वतंत्र और लोकतांत्रिक साझेदार की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए, चीन जैसे विरोधी की तरह नहीं, जो मॉस्को का सबसे बड़ा ग्राहक है।"
आपदा
साबित होगी रणनीति आपदा
हेली ने लिखा कि एशिया में चीनी प्रभुत्व का प्रतिकार करने वाले एकमात्र देश के साथ 25 साल की गति को रोकना एक रणनीतिक आपदा होगी। उन्होंने लिखा, "भारत, अमेरिका को अपनी महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाओं को चीन से दूर ले जाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत कपड़ा, सस्ते फोन और सौर पैनल जैसे उत्पादों के लिए चीन जैसे पैमाने पर विनिर्माण करने की क्षमता के मामले में अकेला खड़ा है, जिनका उत्पादन यहां शीघ्रता या कुशलता से नहीं हो सकता।"
खतरा
भारत विश्व के लिए खतरा नहीं- हेली
हेली ने भारत की प्रशंसा करते हुए लिखा कि यह आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा और युवा कार्यबल वाला देश होगा। भारत जल्द जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगी। उन्होंने लिखा, "भारत चीन के वैश्विक व्यवस्था को नया आकार देने के लक्ष्य की सबसे बड़ी बाधा है। भारत की शक्ति बढ़ने के साथ-साथ चीन की महत्वाकांक्षाएं भी कम होंगी। फिर भी, चीन के विपरीत, लोकतांत्रिक भारत स्वतंत्र विश्व के लिए खतरा नहीं।"
अलगाव
चीन भारत और अमेरिका को अलग कर सकता है- हेली
हेली ने लिखा कि चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका-भारत के बीच साझेदारी पर कोई विचार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने लिखा, "अगर अमेरिका भारत के साथ व्यापार विवाद को स्थायी दीवार में बदलेगा तो चीनी कम्युनिस्ट भारत-अमेरिका को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने में देर नहीं लगाएंगे।" भारत को रूसी तेल मामले में ट्रंप की बात गंभीरता से लेना चाहिए और जल्द संबंधों में गिरावट रोकने को ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधी बातचीत करनी चाहिए।