सिंघु बॉर्डर से गिरफ्तार किए गए पत्रकार मनदीप पूनिया को जमानत मिली
दिल्ली की सिंघु बॉर्डर से गिरफ्तार किए गए स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पूनिया को रोहिणी अदालत से जमानत मिल गई है। अदालत ने उन्हें 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है। पूनिया को इस शर्त पर जमानत दी गई है कि वो बुलाने पर अदालत के सामने हाजिर होंगे और अदालत को बिना बताए विदेश नहीं जाएंगे। अदालत के इस आदेश के बाद मनदीप पूनिया आज शाम या कल सुबह तक जेल से बाहर आ जाएंगे।
क्यों हुई थी पूनिया की गिरफ्तारी?
पूनिया के खिलाफ दर्ज FIR में पुलिस ने लिखा है कि प्रदर्शनकारियों का एक समूह सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेडिंग के पास तैनात पुलिसकर्मियों से चिपट गया और उन्हें प्रदर्शन स्थल की तरफ ले जाने लगा। जब पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए हल्का बलप्रयोग किया तो, जो व्यक्ति पुलिसकर्मी को खिंच रहा था, वह सड़क किनारे नाले में गिर गया। बाद में पुलिसकर्मियों ने उसे काबू किया। उसकी पहचान मनदीप पूनिया के तौर पर हुई है।
अदालत ने अपने आदेश में क्या कहा?
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में पीड़ित, शिकायतकर्ता और गवाह सभी पुलिसकर्मी है। इसलिए इस बात की कोई संभावना नहीं है कि आरोपी किसी को प्रभावित करने में सक्षम होगा। साथ ही आरोपी एक स्वतंत्र पत्रकार है और उसे न्यायिक हिरासत में रखना उद्देश्यपूर्ण नहीं है। अदालत ने कहा कि 'बेल इज ए रुल, जेल इज एन एक्सेप्शन' कानून का सिद्धांत है। इन सभी तथ्यों को देखने के बाद आरोपी को जमानत दी जाती है।
मनदीप की पत्नी ने जताई खुशी
मनदीप को जमानत मिलने पर उनकी पत्नी ने खुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "मैं संतुष्ट हूं कि वे जल्दी बाहर आ जाएंगे। मैं खुद को खुशकिस्मत समझती हूं कि बड़ी संख्या में लोगों ने मनदीप के पक्ष में आवाज उठाई।"
स्वतंत्र पत्रकार हैं मनदीप पूनिया
हरियाणा के झज्जर के रहने वाले पूनिया ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है। वो काफी समय से द कारवां पत्रिका के लिए लिखते रहे हैं। पिछले काफी समय से वो बतौर स्वतंत्र पत्रकार किसान आंदोलन को कवर कर रहे थे और गिरफ्तारी से थोड़े समय पहले तक फेसबुक पर लाइव होकर प्रदर्शनस्थल से रिपोर्टिंग कर रहे थे।
पूनिया की गिरफ्तारी के विरोध में हुए थे प्रदर्शन
मनदीप पूनिया की गिरफ्तारी के विरोध में देशभर के कई शहरों में पत्रकारों ने प्रदर्शन किया था। दिल्ली में पत्रकारों ने पूनिया की गिरफ्तारी के विरोध में दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया था। पत्रकारों का कहना था कि सरकार पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें सच दिखाने से डराना चाहती है। प्रियंका और राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने भी पूनिया की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए उन्हें जल्द रिहा करने की मांग की थी।