दिल्ला: चिल्ला बॉर्डर पर नोएडा के लिए रास्ता खुला, टिकरी और सिंघु समेत कई बॉर्डर बंद
पिछले कुछ दिनों से किसान आंदोलन के कारण दिल्ली की कई सड़कें बंद हैं, जिस वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं, जिस कारण यहां से आवाजाही बंद है। हालांकि, दिल्ली-नोएडा रोड पर चिल्ला बॉर्डर के पास स्थिति लगातार बदलती रहती है। कुछ दिन पहले तक यह बॉर्डर बंद थी, लेकिन आज यहां एक तरफ से आवाजाही जारी है।
चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली से नोएडा के लिए रास्ता खुला
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली से नोएडा लिए रास्ता खुला है, लेकिन दूसरी तरफ से बंद है। वहीं टिकरी, धानसा और झटिकड़ा बॉर्डर किसान प्रदर्शनों के कारण बंद हैं और यहां वाहनों की आवाजाही भी नहीं हो रही। हालांकि, झटिकड़ा बॉर्डर से दोपहिया वाहन और पैदल यात्री गुजर सकते हैं। पुलिस ने सिंघु, औचांदी, प्याऊ मनियारी बॉर्डर से आने वाले यात्रियों को लामपुर और साफियाबाद आदि वैकल्पिक रास्तों के इस्तेमाल की सलाह दी है।
दिल्ली और हरियाणा के बीच ये रास्ते खुले
पुलिस के अनुसार, हरियाणा से दिल्ली आने वाले यात्री झड़ौदा, दौराला, कापसहेड़ा, बादुसराय, राजोकरी, बिजवासन, पालम विहार बॉर्डर के जरिये राजधानी में प्रवेश कर सकते हैं। झड़ौदा बॉर्डर केवल एक तरफ से खुली है।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का डेरा
अगर उत्तर प्रदेश की तरफ से बात करें तो गाजियाबाद से आने वाले ट्रैफिक के लिए गाजीपुर बॉर्डर बंद है। पुलिस ने बताया कि किसान आंदोलन के कारण गाजियाबाद की तरफ से आने वाले ट्रैफिक के लिए गाजीपुर बॉर्डर बंद है। ऐसे में लोगों को दिल्ली आने के लिए आनंद विहार, DND फ्लाईवे, अप्सरा और भोपरा बॉर्डर वाले रास्तों के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। गाजीपुर बॉर्डर पर भी कई दिनों से किसानों का प्रदर्शन चल रहा है।
किसानों के प्रदर्शन का 23वां दिन, कब निकलेगा समाधान?
तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रदर्शन का आज 23वां दिन है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। अभी तक सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध का कोई समाधान नहीं निकल पाया है। सरकार कानूनों में संशोधन की बात कह रही है, लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
क्या है किसानों के विरोध की वजह?
दरअसल, मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।