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स्टील की लाठियों के साथ नजर आए जवान, अब दिल्ली पुलिस ने दी सफाई

स्टील की लाठियों के साथ नजर आए जवान, अब दिल्ली पुलिस ने दी सफाई

Feb 02, 2021
02:38 pm

क्या है खबर?

किसानों के धरने के आसपास तैनात पुलिसकर्मियों के स्टील की लाठियों के साथ नजर आने के बाद दिल्ली पुलिस ने मामले पर सफाई दी है। पुलिस ने कहा है कि एक इलाके के पुलिसकर्मियों ने अपने स्तर पर ये कदम उठाया था और इस संबंध में कोई भी आधिकारिक आदेश नहीं जारी किया गया है। NDTV के सूत्रों के अनुसार, स्टील की लाठियों के साथ नजर आए इन पुलिसकर्मियों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।

मामला

क्या है पूरा मामला?

हाल ही में कुछ तस्वीरें सामने आई थीं जिनमें दिल्ली पुलिस के जवानों को स्टील की लाठियों के साथ देखा गया था। ये तस्वीरें विवादों का केंद्र भी बनी थीं और अब दिल्ली पुलिस ने इस पर सफाई जारी की है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने कहा, "ये तस्वीरें शहादरा जिले की हैं। एक स्थानीय अधिकारी ने वरिष्ठ अधिकारियों से मंजूरी लिए बिना इन स्टील की लाठियों का उपयोग किया था।"

सफाई

स्टील की लाठियां रखने का कोई आधिकारिक आदेश नहीं- पुलिस

पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि जैसे ही वरिष्ठ अधिकारियों को स्टील की इन लाठियों के बारे में पता चला, इन्हें वापस ले लिया गया। उन्होंने कहा कि आधिकारिक तौर पर पुलिसकर्मियों को स्टील की लाठियां प्रदान करने का कोई आदेश नहीं जारी किया गया है और एक यूनिट ने ही ये कदम उठाया था। शहादरा की जो यूनिट इन लाठियों के साथ नजर आई थी, उससे इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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अटकलें

तलवार के हमले से बचने के लिए दी गई थीं स्टील की लाठियां

माना जा रहा है कि पुलिसकर्मियों को स्टील की ये लाठियां तलवार के हमले से बचने के लिए दी गई थीं। दरअसल, पिछले दिनों सिंघु बॉर्डर पर तथाकथित स्थानीय लोगों के किसानों के धरना स्थल पर उपद्रव के बाद एक प्रदर्शनकारी किसान ने तलवार से उस पर हमला कर दिया था जिसमें एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया था। दोबारा से ऐसी स्थिति पैदा न हो, इसके लिए स्टील की लाठियों का प्रयोग किया जा रहा था।

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तनाव की स्थिति

हालिया दिनों में कई बार आमने-सामने आ चुके हैं किसान और पुलिस

बता दें कि हालिया दिनों में कई बार आंदोलनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली है और इसमें पुलिसकर्मी और किसान दोनों घायल हुए हैं। सबसे पहले 26 फरवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दोनों पक्षों के बीच हिंसा हुई थी जिसमें लगभग 300 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसके बाद भी एक-दो मौकों पर भी पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई।

जानकारी

पुलिस के रवैये पर भी उठे हैं सवाल

पूरे मामले में पुलिस के रवैये पर भी गंभीर सवाल उठे हैं और उपद्रवियों के किसानों पर हमले के दौरान पुलिसकर्मियों के चुपचाप खड़े रहने के कई वीडियो सामने आए हैं। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने सड़कों पर कीलें भी ठोंक दी हैं।

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