महामारी और किसान आंदोलन के बीच आज से शुरू होगा बजट सत्र
क्या है खबर?
कोरोना महामारी और किसान आंदोलन के बीच संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है।
विपक्षी दलों के राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार के ऐलान के बाद सत्र के हंगामेदार होने के आसार बढ़ गए हैं।
विपक्ष ने किसानों के मामले के अलावा कमजोर होती अर्थव्यवस्था, व्हाट्सऐप चैट लीक और चीन के साथ सीमा विवाद आदि मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना तैयार की है, वहीं सरकार भी हर सवाल का जवाब तैयार करने में जुटी है।
बजट सत्र
दो हिस्सों में पूरा होगा बजट सत्र
बजट सत्र दो हिस्सों में पूरा होगा। पहला चरण 29 जनवरी से लेकर 15 फरवरी और दूसरा हिस्सा 8 मार्च से लेकर 8 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान कुल 33 दिन सदन की कार्यवाही चलेगी।
राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ सत्र की शुरुआत होगी। यह पहली बार होगा जब राष्ट्रपति तीन जगहों पर बैठे दोनों सदनों के सदस्यों के संयुक्त अधिवेशन का संबोधित करेंगे।
दरअसल, कोरोना महामारी के चलते सांसदों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैठाया गया है।
बजट सत्र
1 फरवरी को बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण
बजट सत्र के पहले चरण में राष्ट्रपति के अभिभाषण के अलावा इकोनॉमिक सर्वे भी पेश होगा। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी।
शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर और शनिवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण छोटे किए गए मानसून सत्र के बाद यह संसद का पहला सत्र होगा। इस बार शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया गया था।
मानसून सत्र की तरह इस बार सप्ताहांत पर संसद की कार्यवाही नहीं चलेगी।
बहिष्कार
विपक्ष ने किया अभिभाषण के बहिष्कार का ऐलान
कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस, सपा, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत कई पार्टियों ने संयुक्त बयान जारी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
इनका कहना है कि वो किसान आंदोलन के समर्थन में हैं और सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेना होगा।
सरकार ने विपक्ष के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पुनर्विचार करने की मांग की है। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राष्ट्रपति दलगत राजनीति से ऊपर होते हैं।
रणनीति
इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
बजट सत्र में विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बनाई है।
इनमें कृषि कानून और किसान आंदोलन, चीन के साथ कई महीनों से जारी सीमा विवाद, कमजोर होती अर्थव्यवस्था, पत्रकार अर्नब गोस्वामी और BARC के पूर्व CEO पार्थो दासगुप्ता के बीच व्हाट्सऐप चैट आदि शामिल हैं।
इनके अलावा कई और मामलों की गूंज भी संसद में सुनाई दे सकती है। विपक्ष इनमें से कुछ मुद्दों पर कार्य स्थगन प्रस्ताव भी ला सकता है।
रणनीति
सरकार भी कर रही अपनी तैयारियां पूरी
सरकार भी विपक्ष के सभी प्रयासों का जवाब तैयार कर रही है।
शनिवार को होने वाली सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी विपक्षी दलों को सभी मुद्दों पर चर्चा का आश्वसान देंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार बजट पेश होने के बाद कृषि कानून, सीमा विवाद और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा का प्रस्ताव देगी।
वहीं कोरोना वैक्सीन को लेकर किए काम को लेकर खुद प्रधानमंत्री मोदी संसद में सरकार का पक्ष रख सकते हैं।