चक्का जाम: गृह मंत्रालय ने दिल्ली बॉर्डर पर स्थित प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट निलंबित किया
क्या है खबर?
आंदोलनकारी किसानों के देशभर में चक्का जाम के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली बॉर्डर पर स्थित प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट को एक बार फिर से निलंबित कर दिया है।
'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, ये आदेश सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अन्य इलाकों में लागू होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन इलाकों में आज रात 12 बजे तक इंटरनेट बंद रहेगा।
चक्का जाम
पुलिस और सरकार की ज्यादतियों के खिलाफ किसानों ने बुलाया है चक्का जाम
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसान संगठनों ने आज किसानों परे पुलिस और सरकार की ज्यादतियों के खिलाफ देशभर में चक्का जाम बुलाया है।
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि पुलिस ने किसानों के कई ट्रैक्टरों और दूसरे वाहनों को जब्त कर लिया है और दिल्ली बॉर्डर पर स्थित उनके प्रदर्शनस्थलों को पूरी तरह सील किया जा रहा है। इसके अलावा इन जगहों पर पानी की आपूर्ति रोक दी गई है और इंटरनेट सेवा बंद है।
असर
देशभर में देखने को मिला चक्का जाम का असर
किसान संगठनों ने ये चक्का जाम दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बुलाया था और अभी इसका समय खत्म हो चुका है। देशभर के ज्यादातर इलाकों में इस चक्का जाम का असर देखने को मिला और किसानों ने सड़कें, राज्य हाईवे और नेशनल हाईवे जाम किए।
पंजाब और हरियाणा में इस जाम का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला और किसानों ने दिल्ली-अमृतसर हाईवे, पलवल-आगरा हाईवे और कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे समेत कई अहम सड़कों को जाम किया।
जानकारी
कर्नाटक और तेलंगाना में भी रोकी गईं सड़कें
कर्नाटक और तेलंगाना जैसे कुछ दक्षिणी राज्यों में भी चक्का जाम के तहत किसानों ने सड़कें जाम कीं। बेंगलुरू में पुलिस ने लगभग 30 लोगों को हिरासत में भी लिया है। महाराष्ट्र के पुणे में भी कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।
रणनीति
दिल्ली, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में नहीं किया गया चक्का जाम
देशभर में किसानों के इस शक्ति प्रदर्शन के बीच दिल्ली, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में चक्का जाम नहीं किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले ही बयान जारी कर इन तीन जगहों पर चक्का जाम नहीं करने का ऐलान कर दिया था।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि ऐसे सबूत हैं कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में चक्का जाम के दौरान कुछ लोग हिंसा कर सकते हैं, इसलिए वहां चक्का जाम नहीं किया जाएगा।
दिल्ली
छावनी बनी दिल्ली, 50,000 से अधिक सुरक्षा बल तैनात
हालांकि किसानों के इस ऐलान के बावजूद दिल्ली में सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया गया है और यहां लगभग 50,000 सुरक्षा बल तैनात हैं।
इसके अलावा 12 मेट्रो स्टेशनों को अलर्ट भी किया गया है और कुछ मेट्रो स्टेशनों को ऐहतियातन बंद कर दिया गया है। निगरानी के लिए ड्रोन भी उड़ाए जा रहे हैं।
गणतंत्र दिवस को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा जैसी कोई परिस्थिति पैदा न हो, इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस इस बार इतनी मुस्तैद है।
बयान
राकेश टिकैत बोले- कानून निरस्त होने तक घर नहीं जाएंगे
इस बीच किसानों के चक्का जाम के शांतिपूर्वक खत्म होने के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि वे कृषि कानूनों के निरस्त होने तक घर वापस नहीं लौटेंगे।
उन्होंने कहा, "हमारी मांगे माने जाते तक हम घर वापस नहीं जाएंगे। हमने सरकार को कानून निरस्त करने के लिए 2 अक्टूबर तक का समय दिया है। इसके बाद हम आगे की योजना बनाएंगे। हम सरकार के साथ दबाव में बातचीत नहीं करेंगे।"