किसानों के समर्थन में जंतर-मंतर पर सड़क किनारे सो रहे पंजाब कांग्रेस के चार नेता
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को समर्थन देने के लिए पंजाब कांग्रेस के नेता पिछले 11 दिनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। इसी बीच पंजाब कांग्रेस के तीन सांसद और एक विधायक ने किसानों के समर्थन में कड़ाके ठंड में सड़क पर सोना शुरू कर दिया है। इन नेताओं का कहना है कि वह किसानों की पीड़ा में बराबर के भागी हैं। आगे जानते हैं विस्तृत खबर।
इन नेताओं ने किया सड़क पर सोने का निर्णय
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार किसानों के समर्थन में सड़क पर सोने वाले नेताओं में लुधियाना सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला, खाडूर साहिब से सांसद जसबीर सिंह डिंपा और फिरोजपुर जिले की जीरा विधानसभा विधायक कुलबीर सिंह जीरा शामिल हैं। सांसद बिट्टू का कहना है कि किसान आंदोलन अब लोक लहर बन गया है और अब लोग अपनी मर्जी से इससे जुड़ रहे हैं। ऐसे में अब सरकार को सोचना चाहिए।
जब किसान सड़क पर है तो हम कैसे बंद कमरे में सो सकते हैं- बिट्टू
सांसद बिट्टू ने कहा, "किसानों का आंदोलन बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के बढ़ता जा रहा है। हम जानते हैं कि किसानों ने किसी भी राजनेता के उनके मंच पर आने की रोक लगा रखी है, लेकिन जब किसान कड़काड़ती ठंड में सड़क पर सो रहा है तो हम कैसे बंद कमरों में सो सकते हैं।" उन्होंने कहा कि देश के किसानों के समर्थन में वह भी सड़क पर सो रहे हैं और किसानों के हटने ऐसा ही करते रहेंगे।
जंतर-मंतर पर जारी रहेगा धरना- बिट्टू
सांसद बिट्टू ने कहा कि उन्होंने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए संसद के शीतकालीन सत्र की मांग को लेकर धरना शुरू किया था, लेकिन सरकार ने कोरोना महामारी का हवाला देकर उसे स्थगित कर दिया। ऐसे में उनका धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि शुरुआत में उन्हें धरने की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन अब मिल गई है। प्रतिदिन कई राज्यों के नेता यहां आते हैं, लेकिन पुलिस उन्हें रुकने नहीं देती और आपत्ति जताती है।
ये कांग्रेस नेता भी हुए धरने में शामिल- औजला
सांसद औजला ने बताया कि किसानों के समर्थन में कई नेता धरने में शामिल हो रहे हैं। दो दिन पहले PPCC अध्यक्ष सुनील जाखड़ और सांसद शिश थरूर भी धरने में शामिल हुए थे। इसी तरह फरीदाबाद और दिल्ली के नेता भी यहां आए थे।
अन्य राज्यों के सांसदों से की सड़कों पर सोने की अपील
सांसद बिट्टू ने कहा कि वह पंजाब और अन्य राज्यों के सांसदों से अपील करते हैं कि वह भी किसानों के समर्थन में सड़कों पर सोना शुरू करें। यदि वह दिल्ली नहीं आ सकते हैं तो अपने घरों के बाहर ही सड़कों पर सो सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की खेती के बिना कुछ नहीं है। यदि किसानों को कृषि कानूनों को निरस्त कराने का मन बना लिया है तो अब लोगों को उनका सहयोग करना चाहिए।
शुक्रवार से प्रतिदिन धरने में शामिल होंगे पंजाब कांग्रेस के पांच नेता
PPCC अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया किसानों के समर्थन में चल रहे पंजाब कांग्रेस के इस धरने में शामिल होने के लिए शुक्रवार से प्रतिदिन पांच नेता पंजाब से आएंगे। इनमें विधायक, जिला परिषद सदस्य और विभिन्न बोर्डों के अध्यक्ष शामिल होंगे।
बुधवार रात को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर हुई किसान की मौत
बता दें कि किसानों के प्रदर्शन में अब तक विभिन्न कारणों से 21 किसानों की मौत हो चुकी है। बुधवार शाम को सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल एक सिख संत हरियाणा के करनाल निवासी 65 वर्षीय राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इसी तरह रात को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब के एक किसान की ठंड की वजह से दिल का दौरे पड़ने से मौत हो गई। इससे सभी किसान दुखी हैं।
क्या है किसानों के विरोध का कारण?
सितंबर में लागू किए गए कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे किसानों ने गत 25 नवंबर से अपने आंदोलन को तेज कर दिया था। उन्होंने सरकार के खिलाफ 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया था। किसानों को डर है कि APMC मंडियों के बाहर व्यापार की अनुमति देने वाले कानून मंडियों को कमजोर कर देंगे और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिलेगा। इसके चलते कॉरपोरेट जगह के लोग किसानों का शोषण करेंगे।
कृषि मंत्री तोमर ने लिखा किसानों को पत्र
इधर, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को किसानों को पत्र लिखकर कृषि कानूनों के फायदे गिनाए हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद किसान है और खेती की चुनौतियों को समझते हैं। किसानों के लिए MSP व्यवस्था पहले की तरह ही जारी रहेगी।