राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा नामांकन पर बोले पूर्व CJI रंजन गोगोई- शपथ के बाद जबाव दूंगा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किए गए भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने आज कहा कि वे शपथ लेने के बाद नामांकन स्वीकार करने का कारण बताएंगे। गुवाहाटी में रिपोटर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं कल दिल्ली जाऊंगा। पहले मुझे शपथ लेने दीजिए, तब मैं विस्तारपूर्वक मीडिया को बताऊंगा कि मैंने इसे क्यों स्वीकार किया।" नामांकन के बाद से ही विपक्षी नेता गोगोई के इसे स्वीकार करने पर सवाल उठा रहे हैं।
सोमवार को राष्ट्रपति कोविंद ने किया था पूर्व CJI गोगोई को मनोनीत
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार देर शाम पूर्व CJI रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत राष्ट्रपति को 245 सदस्यीय राज्यसभा में 12 सदस्य मनोनीत करने का अधिकार मिला हुआ है। राष्ट्रपति साहित्य, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले लोगों को मनोनीत कर सकते हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब राष्ट्रपति ने किसी पूर्व CJI को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है।
विपक्ष ने खड़े किए नामांकन पर सवाल
अयोध्या विवाद और सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश जैसे बड़े मामलों में फैसला सुना चुके रंजन गोगोई के इस नामांकन पर विपक्ष की भौहें तन गई हैं और उसके तमाम नेताओं ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'क्या यह इनाम है? लोग न्यायाधीशों की स्वतंत्रता पर यकीन कैसे करेंगे? कई सवाल हैं।' वहीं कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों ने इसे राम मंदिर पर सुनाए फैसले का "तोहफा" बताया है।
सीताराम येचुरी ने गोगोई को याद दिलाया उन्हीं का पुराना बयान
वहीं CPI(M) महासचिव सीताराम येचुरी ने रंजन गोगोई को उन्हीं का पुराना बयान याद दिलाया जिसमें उन्होंने कहा था कि रिटायरमेंट के बाद कोई पद लेना न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर धब्बा है। वहीं योगेंद्र यादव ने भी भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए मोदी सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े किए जिसमें उन्होंने कहा था कि रिटायरमेंट के बाद पद मिलने के लोभ से फैसले प्रभावित होते हैं।
राज्यसभा पहुंचने वाले पहले पूर्व CJI नहीं हैं रंजन गोगोई
बता दें कि रंजन गोगोई भले ही राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत पहले पूर्व CJI हो, लेकिन वे राज्यसभा पहुंचने वाले पहले पूर्व CJI नहीं है। इससे पहले पूर्व CJI रंगनाथ मिश्रा 1998 से 2004 के बीच राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं। उन्हें कांग्रेस ने अपनी टिकट पर राज्यसभा के लिए भेजा था। 1990 में CJI बनने वाले मिश्रा 1991 में अपने रिटायरमेंट के लगभग सात साल बाद कांग्रेस में शामिल हुए थे।