EVM ट्रैकिंग और VVPAT मिलान की मांग को लेकर चुनाव आयोग से मिलेंगी विपक्षी पार्टियां
चुनावी नतीजों से पहले विपक्षी दल अपनी मांगों को लेकर आज चुनाव आयोग से मुलाकात कर सकते हैं। बताया जा रहा कि 21 विपक्षी दलों के प्रतिनिधि आज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) ट्रैकिंग और वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रैल (VVPAT) के अधिकतम इस्तेमाल की मांग लेकर चुनाव आयोग जाएंगे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू इस दल का नेतृत्व करेंगे। आइये जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
EVM और VVPAT के मिलान की मांग
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि इस बारे में चुनाव आयोग के नियम अस्पष्ट हैं कि अगर EVM और VVPAT की गिनती में अंतर आ जाए तो क्या होगा। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि गिनती के दौरान EVM और VVPAT की गिनती में एक वोट का भी अंतर हो तो उस विधानसभा की पूरी VVPAT की गिनती होनी चाहिए। चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह जरूरी है।
ये नेता होंगे दल में शामिल
इस दल में सीताराम येचुरी, चंद्रबाबू नायडू के अलावा एचडी कुमारास्वामी, कांग्रेस नेता अहमद पटेल और अभिषेक मनु सिंघवी और तृणमूल कांग्रेस के नेता भी शामिल होंगे। सपा और बसपा के बड़े नेताओं को भी इस मामले में साथ लाने की कोशिश हो रही है।
मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में 23 मई को EVM के साथ-साथ VVPAT की गिनती करने की याचिका दायर करने वालों मेें शामिल थे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिए जाने के बावजूद आयोग ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया है कि अगर VVPAT और EVM की गणना अलग निकलती है तो क्या किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को हर विधानसभा में 5 EVM की पेपर स्लिप का मिलान करने का आदेश दिया है।
EVM पर अविश्वास जाहिर कर चुकी है विपक्षी पार्टियां
विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग के सामने कई बार EVM की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठा चुकी है। उनका मानना है कि EVM में छेड़छाड़ की जा सकती है। चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को अपना दावा साबित करने की चुनौती दे चुकी है।
EVM ट्रैकिंग की मांग करेंगे विपक्षी दल
विपक्षी दल यह भी मांग करेंगे कि EVM की ट्रैकिंग की जानी चाहिए ताकि उनके नंबर देखकर यह पता लगाया जा सके कि कोई मशीन कहां इस्तेमाल हुई है। सिंघवी ने कहा कि मान लिजिए किसी बूथ में पहले कांग्रेस आगे चल रही है। इसके बाद नई मशीन लाई जाती है और भाजपा आगे हो जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले आए हैं। इसलिए यह पता चलना जरूरी है कि किस EVM को कहां इस्तेमाल किया गया था।