
लड़ाईयों से भरे हैं महाभारत और रामायण, कैसे मान लें हिंदू हिंसक नहीं होते- सीताराम येचुरी
क्या है खबर?
चुनावी समर में नेताओं के विवादित बयान लगातार जारी है। इस कड़ी में नया नाम कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का जुड़ा है।
उन्होंने कहा कि कैसे मान लें कि हिंदू हिंसक नहीं होते। उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए रामायण और महाभारत का उदाहरण दिया।
उनके इस बयान पर अलग-अलग क्षेत्रों से कड़ी प्रतिक्रिया आई है।
जानिये येचुरी ने क्या बयान दिया और उस पर अलग-अलग लोगों की क्या प्रतिक्रिया रही।
बयान
साध्वी प्रज्ञा के बयान का जवाब देते हुए कही यह बात
भाजपा की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि हिंदू हिंसा में विश्वास नहीं रखते।
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए येचुरी ने कहा, "रामायण और महाभारत हिंसा और लड़ाई के उदाहरणों से भरे हुए हैं। एक प्रचारक होने के नाते आप उनका वर्णन करते है। फिर दावा करते हैं कि हिंदू हिंसक नहीं हो सकते? यह कहने के पीछे क्या तर्क है कि एक धर्म है जो हिंसा में संलग्न है और हम हिंदू हिंसा नहीं करते।"
ट्विटर पोस्ट
येचुरी ने दिया यह बयान
Sitaram Yechury, CPI(M): Ramayana Mahabharata are also filled with instances of violence battles. Being a pracharak, you narrate the epics but still claim Hindus can't be violent? What is the logic behind saying there is a religion which engages in violence we Hindus don't pic.twitter.com/S3ZpDj102u
— ANI (@ANI) May 3, 2019
चुनाव प्रचार
दिग्विजय सिंह के चुनाव प्रचार के लिए आए थे येचुरी
सीताराम येचुरी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के चुनावी प्रचार के लिए भोपाल आए थे। उन्होंने यह बयान दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में दिया।
बयान पर विवाद बढ़ता देखकर कांग्रेस ने उनसे पल्ला झाड़ लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक स्थानीय नेता ने कहा कि सीताराम येचुरी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता हैं और उनके इस बयान से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें, दिग्विजय सिंह भाजपा की साध्वी प्रज्ञा के सामने चुनाव लड़ रहे हैं।
चुनावी मुद्दे
असली मुद्दों की जगह हिंदू-मुस्लिम का राग बना चुनावों की धुरी
लोकसभा चुनावों के लिए असली मुद्दों की जगह धर्म और जाति की राजनीति हो रही है।
स्थानीय उम्मीदवारों से लेकर राष्ट्रीय पार्टियों के बड़े-बड़े नेता धार्मिक आधार पर वोट मांग रहे हैं।
इनमें सबसे प्रमुख नाम योगी आदित्यनाथ, मायावती, मेनका गांधी, नवजोत सिंह सिद्धू आदि नेताओं का है।
इन्हें धार्मिक आधार पर वोट मांगने के कारण चुनाव आयोग की कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा है, लेकिन नेताओं पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा।
ट्विटर पोस्ट
कुमार विश्वास ने साधा निशाना
अपनी वैचारिकी की तरह,हे प्रचुर-कुपढ येचुरी जी,23 मई के बाद अपने पराजय-कुल के अन्य रुदाली-साथियों के साथ जब रो-पीट कर निबट लें तो मेरे पास पधारें, रामकथा सुनने ! पुण्य नहीं तो कम से कम दृष्टि का पूर्वाग्रह-शापित मोतियाबिंद तो दूर होगा ! कभी यही शंका किसी और धर्म के ग्रंथ पर की ?😡 https://t.co/1HeQsyx3PN
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) May 3, 2019
जानकारी
संजय राउत बोले- अपने नाम से सीताराम हटा ले येचुरी
सीताराम येचुरी के इस बयान पर शिव सेना के नेता संजय राउत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने येचुरी की आलोचना करते हुए कहा की हिंदुओं की लड़ाई को हिंसा मानने वाले नेता को अपने नाम से 'सीताराम' हटा देना चाहिए।