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AIIMS में भर्ती अरुण जेटली की स्थिति नाजुक, मिलने जाएंगे राष्ट्रपति कोविंद

AIIMS में भर्ती अरुण जेटली की स्थिति नाजुक, मिलने जाएंगे राष्ट्रपति कोविंद

Aug 16, 2019
12:50 pm

क्या है खबर?

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज खराब स्वास्थ्य के कारण दिल्ली के AIIMS अस्पताल में भर्ती पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलने जाएंगे। 9 अगस्त को कमजोरी और बैचेनी की शिकायत के बाद जेटली को AIIMS में भर्ती कराया गया था और उनका ICU में इलाज चल रहा है। उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत कई अन्य बड़े नेता भी जेटली से मिलने AIIMS जा चुके हैं।

ट्विटर पोस्ट

जेटली से मुलाकात करेंगे राष्ट्रपति

खराब स्वास्थ्य

लंबे समय से बीमार हैं जेटली

जेटली लंबे समय से बीमार हैं और पिछले साल उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। इसके बाद इस साल जनवरी में इलाज के लिए अमेरिकी भी गए थे और उनकी जगह पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था। खराब स्वास्थ्य के कारण ही उन्हें इस बार वित्त मंत्री नहीं बनाया गया। हालांकि इस दौरान वह राजनीति से पूरी तरह दूर नहीं हुए और अहम मुद्दों पर अपनी राय रखते रहे।

कामकाज

प्रधानमंत्री मोदी के भरोसेमंद रहे हैं जेटली

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जेटली प्रधानमंत्री मोदी के सबसे विश्वसनीय और भरोसेमंद मंत्रियों में रहे थे और यही कारण है कि उन्हें शुरुआत में 3 मंत्रालयों (वित्त, रक्षा और सूचना प्रसारण) का प्रभार दिया गया था। वित्त मंत्री के तौर पर उन्होंने GST को लागू करने में अहम योगदान दिया। कई मौके पर उन्होंने आगे रहकर सरकार की नीतियों का बचाव किया और संकटमोचन की भूमिका निभाते रहे।

जीवन

पाकिस्तान से आया था जेटली का परिवार

पाकिस्तान से आए शरणार्थी परिवार से ताल्लुक रखने वाले जेटली पेशे से वकील रहे हैं। RSS के छात्रसंघ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े रहे जेटली ने 1973 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष का चुनाव जीता। वह आपातकाल के दौरान भी राजनीतिक रूप से सक्रिय रहे और इस दौरान कई महीने जेल में बिताए। वह जन संघ के जमाने से भाजपा से जुड़े हैं और कई सरकारों में मंत्री रह चुके हैं।

निधन

6 अगस्त को हुआ था सुषमा स्वराज का निधन

भाजपा को हाल ही में एक बड़ा झटका तब लगा था जब मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज का 6 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली के AIIMS में निधन हो गया था। स्वराज 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ी थीं और सक्रिय राजनीति से दूर थीं। निधन से करीब चार घंटे पहले ही स्वराज ने ट्वीट कर संसद में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित होने को लेकर खुशी जताई थी।