अब तक किन-किन देशों से आए हैं गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि?
भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर परेड होती है। इस दौरान दूसरे देशों के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या गणमान्य व्यक्तियों को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता है। इस बार ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियस बोलसोनारो को बुलाया गया है। बोलसोनारो काफी विवादित शख्सियत है। आइए इस मौके पर बुलाए गए मुख्य अतिथियों से जुड़े आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं।
10 मौकों पर नहीं था कोई भी मुख्य अतिथि
मुख्य अतिथि को आमंत्रण करने की शुरुआत 1950 में पहले गणतंत्र दिवस आयोजन से हुई थी। इस मौके पर इंडोनेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री सुकरनो बतौर मुख्य अतिथि परेड में शामिल हुए थे। हालांकि, पिछले 70 सालों में 10 मौके ऐसे भी रहे हैं, जब किसी भी राष्ट्रप्रमुख को परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के लिए न्यौता नहीं भेजा गया। 1952, 1953, 1956, 1957, 1959, 1962, 1964, 1966, 1967 और 1970 की परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं था।
2018 के समारोह में थे 10 अतिथि
26 जनवरी, 2018 की परेड कुछ मायनों में खास थी। इस मौके पर आसियान समूह के 10 देशों से मेहमानों को आमंत्रण दिया गया था। यह पहली बार था, जब भारत ने परेड में एक से ज्यादा मेहमानों की मेजबानी की।
सबसे ज्यादा बार मुख्य अतिथि किस देश से आए?
2019 तक गणतंत्र दिवस समारोह में 47 अलग-अलग देशों से प्रतिनिधियों ने मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया है। सबसे ज्यादा मौकों पर मुख्य अतिथि फ्रांस के प्रतिनिधि को बनाया गया है। फ्रांस के प्रतिनिधि ने पांच बार, भूटान के चार, इंडोनेशिया और मॉरिशस के तीन-तीन, ब्राजील, कंबोडिया, नेपाल, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका से दो-दो बार प्रतिनिधियों ने मुख्य अतिथि के तौर पर इस समारोह में भाग लिया है।
पाकिस्तान के मंत्री भी ले चुके हैं समारोह में हिस्सा
आजादी के बाद से लेकर अब तक दो मौके ऐसे भी आए हैं, जब पाकिस्तान की तरफ से किसी गणमान्य व्यक्ति ने गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया था। 1955 में पाकिस्तान के तत्कालीन गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद और 1965 में तत्कालीन कृषि मंत्री राना अब्दुल हामिद समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। ये समारोह उन चुनिंदा मौके में शामिल हैं, जब मेहमान के तौर पर राष्ट्रप्रमुख के अलावा दूसरे लोगों को न्योता दिया गया था।
दुनिया के किस-किस हिस्से से कब-कब बुलाए गए अतिथि?
1950 के दशक में केवल एशियाई देशों से गणमान्य लोगों को समारोह में हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया। 1960, 1970 और 1980 के दशक में यूरोपीय देशों से भी राष्ट्रप्रमुखों को निमंत्रण भेजा जाने लगा। इसके बाद से उनको बुलाना कम हुआ है और भारत के पड़ोसी देशों पर ज्यादा ध्यान दिया गया। हालांकि, भारत के पड़ोसियों को 1950 के दशक से ही बुलाया जा रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इनकी संख्या बढ़ी है।
तीन मेहमानों को दो बार भेजा गया निमंत्रण
आजादी के बाद से अब तक 60 मौकों पर मुख्य अतिथियों को निमंत्रण भेजा गया है। इनमें से तीन अतिथि ऐसे हुए हैं, जिन्होंने दो बार इस समारोह में शिरकत की। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति जैकस चिराक, भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक और युगोस्लाविया के पूर्व राष्ट्रपति जोसिप टिटो दो के नाम दो बार इस समारोह के मुख्य अतिथि बनने का सौभाग्य है। चीन के राष्ट्र प्रमुख को केवल एक बार 1958 में निमंत्रण भेजा गया था।
अब तक समारोह में कौन-कौन आया है?
अभी तक 34 बार दूसरे देशों के राष्ट्रपति, 18 बार प्रधानमंत्री, नौ बार राजा और एक बार महारानी एलिजाबेथ ने बतौर मुख्य अतिथि इस समारोह में हिस्सा ले चुके हैं। संयुक्त अरब अमीरात के राजकुमार भी एक बार मुख्य अतिथि बन चुके हैं। 2007 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और 2015 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी परेड में मुख्य अतिथि बनकर आए थे। पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरील रामाफोसा मुख्य अतिथि थेे।
इस साल कौन है मुख्य अतिथि?
26 जनवरी, 2020 को भारत के 71वें गणतंत्र दिवस की परेड में ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियस बोलसोनारो मुख्य अतिथि होंगे। उनका पूरा प्रोफाइल आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं।