भारत में पिछले साल 4,196 घंटे बंद रहा इंटरनेट, हुआ 900 करोड़ से अधिक का नुकसान
क्या है खबर?
इंटरनेट बंद होने से न सिर्फ रोजमर्रा के काम प्रभावित होते हैं बल्कि बोलने की स्वतंत्रता पर भी एक तरह से अंकुश लगता है।
इतना ही नहीं, इंटरनेट बंद होने से अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचता है।
दुनिया की 'इंटरनेट शटडाउन कैपिटल' बन चुके भारत में पिछले साल लगभग 4,196 घंटे तक इंटरनेट बंद रखा गया, जिससे अर्थव्यवस्था को 1.3 बिलियन डॉलर (लगभग 92 अरब रुपये) का नुकसान हुआ।
इंग्लैंड की कंपनी Top10Vpn की रिपोर्ट में यह पता चला है।
इंटरनेट शटडाउन
इंटरनेट शटडाउन के मामले में सुडान से भी आगे भारत
दरअसल, बीते साल इंटरनेट बंद करने के मामले में भारत सबसे आगे रहा है।
2019 में सरकार ने जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों और यहां तक कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कई मौकों पर इंटरनेट बंद रखा गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल देश के अलग-अलग हिस्सों में 4,196 घंटे इंटरनेट बंद रहा, जो ईराक और गृहयुद्ध का सामना कर रहे सुडान में बंद हुए समय से कहीं ज्यादा था।
रिपोर्ट
दुनियाभर में इंटरनेट शटडाउन से 8.05 बिलियन डॉलर का नुकसान
रिपोर्ट के मुताबिक, बीते साल इराक में 263 घंटे इंटरनेट बंद रहने से अर्थव्यवस्था को 2.3 बिलियन डॉलर, सुडान में 1,560 घंटे बंद रहने से 1.9 बिलियन डॉलर और भारत में 4,196 घंटे इंटरनेट बंद रहने से 1.3 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
इंटरनेट बंद रहने के कारण दुनियाभर में अर्थव्यवस्था को 8.05 बिलियन डॉलर का झटका लगा है।
2019 में 21 देशों में 122 ऐसे बड़े मौकों आए जब इंटरनेट बंद किया गया था।
जानकारी
रिपोर्ट में केवल बड़ी जगहों का अध्ययन
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटरनेट बंद रहने के कारण आर्थिक नुकसान और भी ज्यादा हुआ है। इस रिपोर्ट में केवल बड़ी जगहों पर लंबे समय के लिए किए गए शटडाउन के प्रभाव का अध्ययन किया गया है।
पाबंदी
कश्मीर में महीनों से बंद है इंटरनेट
रिपोर्ट तैयार करने वाले सैमुअल वूडहैम्स और साइमन मिग्लियानो ने TOI को बताया कि भारत में इंटरनेट शटडाउन की घटनाएं दुनिया के दूसरे मुल्कों से कहीं ज्यादा है। जब तक इंटरनेट शटडाउन की घटनाओं पर लगाम नहीं लग जाती, तब तक इसके आर्थिक प्रभाव बढ़ते जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अधिकतर शटडाउन स्थानीय और कम समय के लिए थे, लेकिन कश्मीर में कई महीनों से इंटरनेट शटडाउन चल रहा है। बता दें, कश्मीर में अगस्त से इंटरनेट पर पाबंदी जारी है।
प्रभाव
कश्मीर में इंटरनेट शटडाउन के ये प्रभाव
अपने जवाब में वूडहैम्स और मिग्लियानो ने कहा कि कश्मीर में अब तक का सबसे लंबा शटडाउन है और इससे अर्थव्यवस्था को 1.1 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाओं, प्रेस की आजादी और शिक्षा पर असर पड़ा है।
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के चलते पूर्वोत्तर राज्यों में इंटरनेट शटडाउन से 102 मिलियन डॉलर और उत्तर प्रदेश में इससे 63 मिलियन डॉलर का असर पड़ा है।
अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट को माना अभिव्यक्ति के अधिकार का हिस्सा
जम्मू-कश्मीर में जारी पाबंदियों के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट के इस्तेमाल को अभिव्यक्ति के अधिकार का हिस्सा माना है।
कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट बैन पर सरकार को विचार करना चाहिए। बिना वजह इंटरनेट को बैन नहीं किया जा सकता। इंटरनेट पर बैन एक सख्त कदम है, जिसे बेहद जरूरी होने पर ही लागू किया जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र ने भी 2016 में इंटरनेट एक्सेस को मौलिक मानवाधिकार माना था।
जानकारी
भारत में इस्तेमाल होता है सबसे ज्यादा डाटा
भारत में एक इंटरनेट यूजर हर महीने अपने स्मार्टफोन पर औसतन 9.8GB डाटा का इस्तेमाल करता है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसी कंपनियों का सबसे बड़ा यूजर बेस भारत में ही हैं।