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शराब नीति: चार्जशीट में केजरीवाल को सरगना और AAP को आरोपी बना सकती है ED- रिपोर्ट
शराब नीति मामले में ED केजरीवाल को सरगना बता सकती है

शराब नीति: चार्जशीट में केजरीवाल को सरगना और AAP को आरोपी बना सकती है ED- रिपोर्ट

लेखन आबिद खान
May 10, 2024
11:36 am

क्या है खबर?

दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक नई चार्जशीट दायर करने की तैयारी में है। इसमें ED आम आदमी पार्टी (AAP) को आरोपी बना सकती है। अगर ऐसा होता है तो ये पहली बार होगा, जब भ्रष्टाचार के किसी मामले में किसी राष्ट्रीय पार्टी को आरोपी के रूप में नामित किया जाएगा। दूसरी ओर, खबर है कि ED अरविंद केजरीवाल को पूरे मामले का सरगना बता सकती है।

चार्जशीट

एक-दो दिन में चार्जशीट दायर कर सकती है ED

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ED आज केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद चार्जशीट दाखिल कर सकती है। कानूनन गिरफ्तारी के 2 महीने के भीतर आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना जरूरी है। केजरीवाल को 21 मई को न्यायिक हिरासत में 2 महीने पूरे हो जाएंगे। इससे पहले ED को चार्जशीट दाखिल करनी होगी। शराब नीति मामले में ED की ओर से 6 चार्जशीट पहले ही दायर कर दी गई है।

सरगना

चार्जशीट में केजरीवाल को सरगना बताएगी ED

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान ED शराब नीति मामले में केजरीवाल को सरगना बताएगी। इससे पहले सुनवाई के दौरान भी ED केजरीवाल को सरगना बता चुकी है। तब ED ने कहा था, "अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के सरगना हैं। वह सीधे तौर पर नीति के कार्यान्वयन और 'साउथ ग्रुप' को लाभ पहुंचाने में शामिल है। विजय नायर केजरीवाल के घर के बगल वाले घर में रह रहे थे। वह AAP के मीडिया प्रभारी थे।"

हलफनामा

ED ने दायर किया नया हलफनामा

9 मई को ED ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। एजेंसी ने कहा कि चुनाव में प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक है और न ही संवैधानिक। इसके बाद AAP ने भी कोर्ट की रजिस्ट्री में शिकायत दर्ज कराई और ED के हलफनामे को कानूनी प्रक्रियाओं की अवहेलना बताया। AAP ने कहा कि हलफनामा अदालत की मंजूरी के बिना प्रस्तुत किया गया।

मामला

क्या है मामला?

ये मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की शराब नीति को तैयार करने और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित है। विवाद होने पर इस नीति को रद्द कर दिया गया था। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नीति में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की सिफारिश की थी। बाद में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था। मनीष सिसोदिया समेत कई बड़े नेता इस मामले में जेल में हैं।