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दिल्ली: अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची ED की टीम, मुख्यमंत्री ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
ED की टीम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची है

दिल्ली: अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची ED की टीम, मुख्यमंत्री ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख

लेखन Manoj Panchal
संपादन आबिद खान
Mar 21, 2024
07:33 pm

क्या है खबर?

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार करने के कुछ घंटों बाद ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंची है। कथित तौर पर यह टीम सर्च वारंट के साथ केजरीवाल के नई दिल्ली स्थित आवास में दाखिल हुई। बता दें कि ED ने केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में 2 आपराधिक शिकायतें दर्ज की हैं।

सुरक्षा

मुख्यमंत्री आवास के बाहर कड़ी सुरक्षा

ED की टीम के पहुंचने पर केजरीवाल के आवास के आसपास सुरक्षा कड़ी की गई है। आला रैंक के अधिकारियों को आवास के आसपास तैनात किया गया है। दिल्ली पुलिस के कई जवान भी मौजूद हैं। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज भी मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें घर के बाहर ही रोक लिया है। भारद्वाज ने कहा कि ये मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने की तैयारी हो रही है।

कोर्ट

केजरीवाल को हाई कोर्ट से नहीं मिली थी राहत 

केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से फौरी राहत मांगी थी। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि केजरीवाल ED के सामने पूछताछ के लिए आएंगे, लेकिन उन पर किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था और 2 हफ्ते के भीतर ED को जवाब देने को कहा था। इसके बाद ED के अधिकारियों ने सबूत भी पेश किए थे।

सुप्रीम कोर्ट

केजरीवाल ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED की टीम के आवास पहुंचने के बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनकी कानूनी टीम ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की तुरंत सुनवाई की अपील की है। माना जा रहा है कि केजरीवाल की ओर से हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। कांग्रेस नेता और जाने-माने वकील अभिषेक मनु सिंघवी केजरीवाल का पक्ष रख रहे हैं।

मामला

क्या है शराब नीति मामला?

दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए इसकी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की। बाद में ED भी जांच में शामिल हो गई। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें नीति के जरिए लाभ पहुंचाया और शराब के ठेके दिए।