ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में जारी रहेगी पूजा, सुप्रीम कोर्ट का यथास्थिति बनाए रखने का आदेश
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में हिंदुओं की पूजा पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। इसका मतलब तहखाने में पूजा और मस्जिद में नमाज जारी रहेगी।
पूजा की अनुमति देने वाले हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया।
अगली सुनवाई जुलाई में होगी।
सुनवाई
मस्जिद समिति के वकील बोले- 30 साल से कोई पूजा नहीं हो रही थी
आज सुनवाई के दौरान मस्जिद समिति के वकील हुजेफा अहमद ने पूजा की अनुमति देने के वाराणसी कोर्ट के फैसले और इसे बरकरार रखने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि 30 साल से तहखाने में कोई पूजा नहीं हो रही थी और ऐसी कोई तात्कालिकता नहीं थी कि केवल मौखिक आवेदन के जरिए तहखाने को सौंपा गया।
उन्होंने यह भी कहा कि आदेश तहखाने को सौंपने का था, लेकिन इसमें पूजा हो रही है।
चिंता
धीरे-धीरे टुकड़ों में मस्जिद को खो रहे- मुस्लिम पक्ष
पूरी प्रक्रिया पर चिंता जाहिर करते हुए वरिष्ठ वकील अहमद ने कहा कि धीरे-धीरे टुकड़ों में मुस्लिम पक्ष मस्जिद के विभिन्न हिस्सों को खो रहा है, पहले वजूखाने के हिस्से को सील कर दिया गया था, जिससे मुस्लिम इस तक नहीं पहुंच सकते और फिर तहखाने को ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि अब ऐसे भी आवेदन हैं, जो पूरे मस्जिद परिसर में नमाज रोकने की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तहखाने में कोई मूर्ति/मंदिर नहीं मिला था।
निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दिया यथास्थिति बनाए रखने का आदेश?
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि क्या तहखाने और मस्जिद में प्रवेश का रास्ता एक ही है।
इस पर अहमद ने उन्हें बताया कि तहखाना में प्रवेश का रास्ता दक्षिण से है, वहीं मस्जिद में प्रवेश का रास्ता उत्तर से है।
इसी को आधार बनाते हुए CJI ने कहा कि वे फिलहाल मामले में यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश देते हैं और कोई भी पक्ष इस यथास्थिति को न तोड़े।
मामला
क्या है मामला?
31 जनवरी को वाराणसी की जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष को परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दिया था।
कोर्ट ने अपने आदेश में 7 दिन के भीतर पूजा शुरू करवाने की बात कही थी, लेकिन प्रशासन ने उसी रात को पूजा करवा दी थी। इसके बाद अब तहखाने में दिन में 5 बार पूजा हो रही है।
26 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी पूजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
इतिहास
क्या है व्यास जी का तहखाना?
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 4 तहखाने हैं। इनमें से एक अभी व्यास परिवार के कब्जे में है, जो यहां सालों से पूजा करते आ रहा है। इसी के नाम पर इस तहखाने को व्यास जी का तहखाना कहा जाता है।
ये तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में दक्षिण में स्थित है। इसकी ऊंचाई करीब 7 फुट और क्षेत्रफल 40 वर्ग फुट है। इसके ठीक सामने नंदी की मूर्ति है। यहां 1993 से पहले पूजा हुआ करती थी।