कोयला घोटाला: ED ने छत्तीसगढ़ सरकार के 3 विभागों के कार्यालयों पर मारा छापा
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने कोयले के अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बुधवार को छत्तीसगढ़ सरकार के तीन विभागों के कार्यालयों में छापेमारी की।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ED ने नवा रायपुर के इंद्रावती भवन में स्थित श्रम, सिंचाई और पर्यावरण विभाग के कार्यालयों की तलाशी ली।
ED ने इससे पहले सोमवार को भी कई कांग्रेस नेताओं के घरों में छापेमारी की थी।
जानकारी
CRPF के साथ पहुंची थी ED की टीम
बतौर रिपोर्ट्स, ED की टीम छापेमारी करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों के साथ पहुंची थी। इस दौरान विभाग के कर्मचारियों के आने-जाने पर भी रोक लगा दी गई। ED ने छापे के दौरान कई दस्तावेजों और कंप्यूटर्स की जांच की।
छापा
सोमवार को भी हुई थी छापेमारी
ED ने सोमवार को छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल, भवन निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह और दुर्ग विधायक देवेंद्र यादव के घरों समेत अन्य जगहों पर छापेमारी भी की थी।
ED ने आरोप लगाया था कि राम गोपाल अग्रवाल ने पार्टी कार्यालय में 52 करोड़ रुपये की वसूली की थी और इस बात के उसके पास पुख्ता सबूत हैं। इसी कारण उसने उन पर छापा मारा है।
अधिवेशन
रायपुर में कांग्रेस के अधिवेशन से पहले हुई कार्रवाई
बता दें कि ED ने यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से पहली की है। यह अधिवेशन 24 फरवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा, जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी शमिल होंगे।
अधिवेशन में देशभर से 15,000 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं के शामिल होने की उम्मीद है। अधिवेशन में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर खास जोर रहेगा।
निशाना
मुख्यमंत्री बघेल बोले- तानाशाह डरा हुआ है
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साध चुके हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ''तानाशाह' डरा हुआ है, कांग्रेस के महाधिवेशन के पहले हमारे नेताओं पर ED के छापे मरवाए गए। वे सोचते हैं कि हम डर जाएंगे, ये कांग्रेस है जिसने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी और देश को आजादी दिलाई। हम अंग्रेजों के गुलामों से डर जाएंगे ? गजब की गलतफहमी पाल रखी है।'
घोटाला
क्या है कोयला घोटाला?
ED की जांच छत्तीसगढ़ में प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध उगाही किए जाने से संबंधित है।
ED के मुताबिक, इस घोटाले में राज्य के कई बड़े राजनेता, वरिष्ठ नौकरशाह, व्यापारी और बिचौलिये शामिल थे, जिन्होंने 2021 में अवैध उगाही कर करीब 500 करोड़ रुपये इकट्ठे किए थे।
ED ने आरोप लगाया कि इस रुपये का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने खैरागढ़ उपचुनाव के दौरान किया था।
कार्रवाई
कोयला घोटाले में अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई?
कोयला घोटाले में अब तक छत्तीसगढ़ कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी समीर विश्नोई, राज्य प्रशासनिक सेवा (PCS) अधिकारी सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
ED ने अक्टूबर, 2022 में छत्तीसगढ़ के शीर्ष नौकरशाहों, राजनेताओं और व्यापारियों से जुड़े 40 ठिकानों पर छापेमारी कर 4 करोड़ रुपये की नकदी, करोड़ों रुपये का कीमती सामान और महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए थे।