शराब नीति मामला: ED ने 35 जगहों पर मारा छापा, मनीष सिसोदिया बोले- कुछ नहीं मिलेगा
क्या है खबर?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली सरकार की नई शराब नीति से संबंधित मामले में छापा मारा है।
ED की टीमें दिल्ली-NCR और अन्य इलाकों की कुल 35 जगहों पर छानबीन कर रही हैं। इनमें से कोई भी जगह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से संबंधित नहीं है जो इस मामले में मुख्य आरोपी हैं।
सिसोदिया ने छापों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि CBI की तरह ED को भी कुछ नहीं मिलेगा।
छापेमारी
ED ने किन-किन जगहों पर मारा छापा?
ED ने जिन जगहों पर छापा मारा है, उनमें शराब कारोबारी समीर महेंद्रु का दिल्ली स्थित घर भी शामिल है। समीर पर सिसोदिया के करीबी सहयोगियों को करोड़ों रुपये का भुगतान करने का आरोप है।
समीर के घर के अलावा अन्य आरोपियों के दिल्ली, गुरूग्राम, लखनऊ, हैदराबाद, मुंबई और बेंगलुरू स्थित ठिकानों पर भी छापा मारा गया है।
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि अभी तक सिसोदिया के घर या कार्यालय पर कोई टीम नहीं आई है।
प्रतिक्रिया
केजरीवाल के अच्छे काम को रोकने की कोशिश- सिसोदिया
ED के छापों पर प्रतिक्रिया देते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा, "पहले CBI ने छापे मारे, उन्हें कुछ नहीं मिला। अब ED छापे मार रही है, उसे भी कुछ नहीं मिलेगा। ये अरविंद केजरीवाल द्वारा किए जा रहे अच्छे काम को रोकने की कोशिश है। उन्हें CBI और ED उपयोग करने दीजिए, वो हमारे काम को नहीं रोक सकते हैं। मेरे पास कोई सूचना नहीं है। उन्हें केवल स्कूलों के ब्लूप्रिंट ही मिलेंगे।"
छापा
पिछले महीने CBI ने भी मारा था छापा
बता दें कि CBI ने भी पिछले महीने सिसोदिया के घर समेत कई जगहों पर छापा मारा था। उसने नई शराब नीति में अनियमितता के मामले में कुल 15 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिनमें से सिसोदिया सबसे प्रमुख आरोपी हैं।
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की सिफारिश पर मामले की CBI जांच हो रही है। दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने भ्रष्टाचार के लिए सिसोदिया को जिम्मेदार ठहराया था।
आरोप
सिसोदिया पर क्या आरोप हैं?
सिसोदिया पर कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है।
उन पर विदेशी शराब की कीमत में बदलाव करने और बीयर से आयात शुल्क हटाने का आरोप है जिसके कारण विदेशी शराब और बीयर सस्ती हो गईं और राजकोष को नुकसान हुआ।
सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना कोविड महामारी का हवाला देकर 144.36 करोड़ रुपये की निविदा लाइसेंस फीस माफ करने का आरोप भी है।
नई शराब नीति
न्यूजबाइट्स प्लस
अपना राजस्व बढ़ाने और शराब माफिया और नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार पिछले साल नई शराब नीति लेकर आई थी।
इसके जरिए सरकार ने अपने सभी ठेके बंद कर दिए थे और शहर में केवल शराब के निजी ठेके और दुकानें रह गई थीं। इन दुकानों के लिए दोबारा से नए लाइसेंस जारी किए गए थे। सरकार ने उन्हें डिस्काउंट पर शराब बेचने की अनुमति भी दी थी।
विवाद के कारण अभी पुरानी नीति लागू है।