'कांग्रेस टूलकिट' मामला: ट्विटर इंडिया के ऑफिस पहुंची दिल्ली पुलिस, कांग्रेस नेताओं को भी नोटिस
कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रहे टूलकिट विवाद में सोमवार शाम को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने ट्विटर इंडिया के गुरुग्राम और दिल्ली स्थित कार्यालय का दौरा किया। इसको लेकर जब छापेमारी की खबरें सामने आई तो पुलिस ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वह नियमित प्रक्रिया के तहत नोटिस देने के लिए ट्विटर कार्यालय पहुंची थी। पुलिस ने कार्रवाई ट्विटर द्वारा संबित पात्रा के ट्वीट को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' बताकर हटाने को लेकर की थी।
क्या है कांग्रेस की टूलकिट का मामला?
कुछ दिन पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर टूलकिट इस्तेमाल करके भाजपा, देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने का आरोप लगाया था। इसको लेकर 18 मई को पात्रा और महासचिव बीएल संतोष ने दो डॉक्यूमेंट के स्क्रीनशॉट ट्वीट किए थे। दूसरी ओर कांग्रेस ने आरोपों का खंडन करते हुए इसे भाजपा द्वारा विपक्षी दल को बदनाम करने के लिए फर्जी टूलकिट को एक चाल के रूप में पेश करने का आरोप लगाया था।
टि्वटर ने पात्रा के ट्वीट्स को बताया कि 'मैनिपुलेटेड मीडिया'
मामले में गत दिनों टि्वटर ने पात्रा द्वारा किए गए सभी ट्वीट्स को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' या छेड़छाड़ कर तैयार की कई सामग्री करार दिया था। इतना ही टि्वटर ने उन्हें हटा भी किया था। इसको लेकर कांग्रेस ने पात्रा और संतोष के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था। इसी बीच टि्वटर द्वारा ट्वीट्स को फर्जी बताकर हटाने को लेकर दिल्ली पुलिस ने टि्वटर के खिलाफ जांच शुरू कर दी और उसी क्रम में कार्रवाई के लिए कार्यालय भी पहुंच गई।
सही अधिकारी को नोटिस देने के लिए कार्यालय पहुंची थी टीम- दिल्ली पुलिस
मामले में दिल्ली पुलिस ने कहा, "दिल्ली पुलिस की टीम नियमित प्रक्रिया के तहत नोटिस देने के लिए ट्विटर कार्यालय पहुंची थी। यह जरूरी था, क्योंकि हम यह पता लगाना चाहते थे कि नोटिस लेने के लिए ट्विटर का जवाबदेह अधिकारी व्यक्ति कौन है।"
पुलिस को है ट्विटर के पास 'टूलकिट' मामले में अहम जानकारी होने का संदेह
टूलकिट मामले में पात्रा के ट्वीट को मैनिपुलेटेड मीडिया के रूप में चिन्हित करने के बाद ट्विटर को राजनीतिक खींचतान का सामना करना पड़ रहा है। ट्विटर के नियमों के अनुसार किसी भी ट्वीट में मौजूद वीडियो, ऑडियो और फोटो को यदि एडिट कर भ्रामकता फैलाने के लिए अपलोड किया जाता है तो उसे मैनिपुलेटेड मीडिया की श्रेणी में रखा जाता है। दिल्ली पुलिस का तर्क है कि ट्विटर को मामले की तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए।
टि्वटर को स्पष्ट करनी चाहिए स्थिति- चिन्मय बिस्वाल
मामले में दिल्ली पुलिस के PRO चिन्मय बिस्वाल ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि ट्विटर के पास कुछ जानकारी है जो हमें ज्ञात नहीं है। यह जानकारी जांच के लिए जरूरी है। ट्विटर को पुलिस के सामने ट्वीट्स की स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।"
दिल्ली पुलिस ने 21 मई को भी भेजा था टि्वटर को नोटिस
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 21 मई को भी टि्वटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी को नोटिस भेजा था। इसमें पुलिस ने कहा था कि टि्वटर इंडिया पुलिस के साथ वह सभी जानकारी साझा करे, जिसके कारण पात्रा के ट्वीट को मैनिपुलेटेड मीडिया के रूप में वर्गीकृत किया गया था। नोटिस में माहेश्वरी से 22 मई को दोपहर 1 बजे आवश्यक दस्तावेज के साथ पुलिस उपायुक्त कार्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया था।
कांग्रेस ने की कार्रवाई की आलोचना
पुलिस ने दो कांग्रेस नेताओं को भी दिया नोटिस
कांग्रेस के कथित टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस पुलिस ने अब कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रमुख रोहन गुप्ता और पार्टी प्रवक्ता एमवी राजीव गौड़ा को नोटिस भेज दिया है। पुलिस ने उन्हें मामले की जांच में शामिल होने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि यह वही नेता हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ में भाजपा नेता संबित पात्रा और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ कथित फर्जी टूलकिट के जरिए भ्रम फैलाने के लिए शिकायत दर्ज कराई थी।
पूछताछ के लिए संबित पात्रा को भी तलब करेगी पुलिस
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह मामला दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच कर रहे हैं। इसके लिए मामले से संबंधित लोगों और संगठनों को तलब किया जा रहा है। इसके तहत दो कांग्रेस नेताओं को नोटिस भेज दिया गया है। टि्वटर को भी मामले से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए नोटिस भेजा है। उन्होंने बताया कि पुलिस आने वाले दिनों के पूछताछ के लिए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को भी नोटिस देने जा रही है।