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किसान आंदोलन: दिल्ली पुलिस ने विपक्ष के सांसदों को गाजीपुर बॉर्डर जाने से रोका
अंतिम अपडेट Feb 04, 2021, 01:44 pm
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कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले ढाई महीने से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के विरोध के प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने अब सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है।
पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर के दोनों ओर पक्की बेरिकेडिंग बनाकर यातायात को रोक दिया है।
अब पुलिस ने गुरुवार को आंदोलन के समर्थन में किसानों से मिलने गाजीपुर बॉर्डर रहे विपक्षी पार्टियों के 15 सांसदों को किसानों से मिलने रोक दिया। इससे सांसदोें में रोष व्याप्त है।
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इस खबर मेंपुलिस ने नहीं दी बेरिकेडिंग पार करने की अनुमति मौके के हालात जानने पहुंचे थे सांसद- कौर कौर ने ट्वीट कर की कानूनों को वापस लेने की मांग यहां देखें सांसद हरसिमरत कौर का वीडियो किसानों से मिलने गए थे ये सांसद किसानों को दुश्मन नहीं माने सरकार- विपक्ष पुलिस ने कर रखी है गाजीपुर बॉर्डर की किलेबंदी गाजीपुर बॉर्डर पर कीलें हटाने का काम शुरू
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अनुमति
पुलिस ने नहीं दी बेरिकेडिंग पार करने की अनुमति
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शिरोमणि अकाली दल (SAD) सांसद हरसिमरत कौर बादल ने बताया कि गुरुवार सुबह SAD के अलावा द्रविड मुनेत्र कड़गम (DMK), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और तृणमूल कांग्रेस सहित 10 दलों के 15 सांसद किसानों से मिलने के लिए गाजीपुर बॉर्डर रवाना हुआ था।
गाजीपुर बॉर्डर से पहले पुलिस ने उन्हें बेरिकेडिंग पार करने और किसानों से मिलने से रोक दिया। सांसदों ने पुलिस काफी बहस भी, लेकिन सफलता नहीं मिली।
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हालात
मौके के हालात जानने पहुंचे थे सांसद- कौर
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सांसद कौर ने कहा, "हम यहां इसलिए पहुंचे ताकि इस मुद्दे (किसानों के विरोध) पर संसद में चर्चा कर सकें। स्पीकर हमें इस मुद्दे को उठाने नहीं दे रहे हैं। अब हम इस मुद्दे पर लोकसभा स्पीकर को रिपोर्ट देंगे।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजीव राय ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि विदेशी सांसदों को तो जम्मू-कश्मीर के हाल जानने ले जाया जाता है, लेकिन देश के सांसदों को किसानों से नहीं मिलने दिया जा रहा है।
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जानकारी
कौर ने ट्वीट कर की कानूनों को वापस लेने की मांग
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मामले में कौर ने ट्वीट किया, 'आज कश्मीर से कन्याकुमारी तक विभिन्न राजनीतिक दलों के 15 सांसद किसानों के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। हम शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे किसानों पर किए जा रहे अत्याचारों को रोकने की मांग करते हैं।'
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ट्विटर पोस्ट
यहां देखें सांसद हरसिमरत कौर का वीडियो
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Today 15 MPs representing different political parties from Kashmir to Kanyakumari went to #GhazipurBorder to express solidarity with farmers demand imm repeal of the 3 hated #FarmLaws. We also demand an end to atrocities being meted out to peacefully agitating farmers. pic.twitter.com/bvilkFFiLM
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) February 4, 2021 -
नेता
किसानों से मिलने गए थे ये सांसद
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हरसिमरत कौर ने बताया कि किसानों से मिलने गए सांसदों में NCP सांसद सुप्रिया सुले, DMK से कनिमोई और तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस से सौगत राय इस समूह का का हिस्सा थे।
इसी तरह नेशनल कॉन्फ्रेंस, रेव्ल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP) और इंडिनय यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के सदस्य भी इसमें शामिल थे। सांसदों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें बेरिकेडिंग से आगे जाने से रोक दिया और वापस भेजने पर अड़ गई।
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दुश्मन
किसानों को दुश्मन नहीं माने सरकार- विपक्ष
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इससे पहले बुधवार को संसद में चर्चा के दौरान कई विपक्षी दलों ने सरकार से तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाए बिना वापस लेने और आंदोलनकारी किसानों को "दुश्मन" के रूप में नहीं मानने की बात कही थी।
उन्होंने कहा था कि जब किसानों को लगता है कि इन कानूनों से फायदा नहीं होगा तो फिर सरकार इन्हें लागू करने पर क्यों अड़ी हुई है। उन्होंने सरकार से किसानों की मनोस्थिति समझने को भी कहा।
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तैयारी
पुलिस ने कर रखी है गाजीपुर बॉर्डर की किलेबंदी
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बता दें कि गणतंत्र दिवस पर आयोजित ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है।
यही कारण है कि पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर के दोनों ओर सड़क को खोदकर वहां मोटी और नुकीली कीलें लगाई है।
इसके अलावा कई स्तर की बैरिकेडिंग कर पत्थरों के बीच कंक्रीट भरकर स्थाई दीवार बनाई है। इसको लेकर पुलिस की आलोचना भी रही है। हालांकि, गत दिनों पुलिस ने इस पर सफाई भी दी थी।
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राहत
गाजीपुर बॉर्डर पर कीलें हटाने का काम शुरू
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विरोध होने के बाद अब पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर लगाई गई कीलों को फिर हटाना शुरू कर दिया है।
इस बारे में पुलिस ने बताया गया कि ये कीलें मुड़ गई हैं और पुरानी हो गई हैं, इसलिए इन्हें हटाया जा रहा है। हटाने के बाद फिर से नई कीलें लगाने के सवाल पर पुलिस ने कहा कि इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। आदेश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।