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दिल्ली सरकार की मंजूरी के बिना पुलिस को नहीं मिलेगी DTC बसें

दिल्ली सरकार की मंजूरी के बिना पुलिस को नहीं मिलेगी DTC बसें

Feb 04, 2021
03:07 pm

क्या है खबर?

गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में 45 सरकारी बसों को नुकसान पहुंचा था। इस नुकसान को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। अब सरकार ने दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) को आदेश दिए हैं कि बसों को किराए पर देने से पहले उसे अनुमति लेने की जरूरत होगी। सरकार की अनुमति के बिना DTC किसी को बसें मुहैया नहीं करवा सकेगा। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।

मामला

हिंसा के दौरान बसों में की गई थी तोड़फोड़

26 जनवरी को किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर परेड बुलाई थी। इस दौरान कुछ उपद्रवी तत्व तय रास्ते से हटते हुए लाल किले की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए कई जगहों पर बैरिकेडिंग की थी। इस दौरान कुछ बसों को सड़कों पर खड़ा किया गया था। उपद्रवियों ने इन बसों में काफी तोड़फोड़ की थी। हिंसा में DTC की 40 और कलस्टर स्कीम के तहत चलने वाली पांच बसों को नुकसान पहुंचा था।

आदेश

सरकार की अनुमति के बिना बसें नहीं दे सकेगा DTC

TOI ने सूत्रों के हवाले से लिखा है, "इनमें से अधिकतर बसे पुलिस ने अपने जवानों को लाने-ले जाने के लिए हायर की थी, लेकिन कुछ को बतौर बैरिकेड भी इस्तेमाल किया गया था। उपद्रवियों की तोड़फोड़ से बसों को नुकसान पहुंचा है और उनकी मरम्मत की जा रही है।" इसके बाद दिल्ली के परिवहन मंत्री और DTC प्रमुख कैलाश गहलोत ने आदेश दिया है कि सरकार की अनुमति के बाद ही बसों को किराये पर दिया जा सकता है।

बयान

दिल्ली पुलिस को दूसरे इंतजाम तलाशने को कहा गया- गहलोत

गहलोत ने भी इस बात की पुष्टि की है कि गणतंत्र दिवस पर हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने दिल्ली पुलिस को अपने लिए दूसरे इंतजामों की तलाश करने को कह दिया है। बता दें कि DTC के पास 3,762 बसों का बेड़ा है। इनमें से बड़ी संख्या में बसें किराये के लिए उपलब्ध रहती है। सूत्रों का कहना है कि आमतौर पर रोजाना 3,400 बसों का ही संचालन होता है।

जानकारी

किसानों ने क्यों बुलाई थी ट्रैक्टर परेड?

पिछले लगभग ढाई महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर तीन कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकाली थी। सरकार के साथ 11 दौर की बातचीत असफल रहने के बाद किसानों ने एकजुटता दिखाने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए इस परेड का आह्वान किया था। परेड के दौरान कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प हो गई थी, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण बन गए थे।