न्यूजीलैंड दूतावास ने यूथ कांग्रेस नेता से मांगी ऑक्सीजन, सरकार पर सवाल उठने पर हटाया ट्वीट
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आई ऑक्सीजन की किल्लत अब विदेशी दूतावासों तक पहुंच गई है। हालात यह है कि दिल्ली स्थित न्यूजीलैंड दूतावास ने सरकार से ऑक्सीजन की मांगने मांगने की जगह भारतीय युवा कांग्रेस (IYC) अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास के नाम ट्वीट कर ऑक्सीजन की मदद मांगी। हालांकि, मामले में केंद्र सरकार पर सवाल उठने के बाद न्यूजीलैंड दूतावास ने उस ट्वीट को हटा दिया और माफी मांग ली।
कांग्रेस नेता से मांगी ऑक्सीजन की मदद
द प्रिंट के अनुसार न्यूजीलैंड दूतावास की तरफ से रविवार सुबह एक ट्वीट किया गया था। जिसमें दूतावास ने यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास से आपातकाल स्थिति में ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई को लेकर मदद मांगी थी। इस ट्वीट में दूतावास में कांग्रेस के SOS ट्विटर अकाउंट को भी टैग किया था। दूतावास ने लिखा था, 'क्या आप न्यूजीलैंड दूतावास में ऑक्सीजन सिलेंडर की तत्काल मदद पहुंचा सकते हैं? धन्यवाद।'
दूतावास के ट्वीट के बाद सरकार पर उठे कई सवाल
न्यूजीलैंड दूतावास द्वारा सरकार की जगह कांग्रेस नेता से ऑक्सीजन की मदद मांगने को लेकर केंद्र सरकार पर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि आखिर सरकार क्या कर रही है। महामारी के इस दौर में विदेशी दूतावासों को भी विपक्षी नेताओं से मदद मांगनी पड़ रही है। दूतावास के इस ट्वीट से साबित हो रहा है कि केंद्र सरकार का ऑक्सीजन की किल्लत में मदद करने पर कोई ध्यान नहीं है।
सरकार पर उठे सवाल तो दूतावास ने हटाया ट्वीट
न्यूजीलैंड दूतावास के इस ट्वीट पर जब केंद्र सरकार पर सवाल खड़े होने लगे तो दूतावास ने तत्काल प्रभाव से अपना ट्वीट डिलीट कर एक नए ट्वीट कर दिया। इस ट्वीट में दूतावास ने लिखा, 'हम ऑक्सीजन सिलेंडरों की तत्काल व्यवस्था के लिए सभी सोर्सेस तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। हमसे गलती हो गई, जिसके लिए हमें खेद है।' हालांकि, दूतावास के इस ट्वीट के बाद लोग बार-बार टि्वटर पर पुराना ट्वीट तलाश रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने न्यूजीलैंड दूतावास पर पहुंचाई ऑक्सीजन
न्यूजीलैंड दूतावास के ट्वीट के बाद कांग्रेस नेता श्रीनिवास ने उस पर रीटि्वट करते हुए उन्हें सीधा मैसेज करते हुए जानकारी साझा करने की बात कही थी। इसके कुछ ही देर बाद श्रीनिवास और उनकी टीम ऑक्सीजन लेकर दूतावास पहुंच गई और दरवाजा खोलने का अनुरोध किया। कुछ देर बाद दूतावास ने दरवाजा खोल दिया और श्रीनिवास और उनकी टीम को ऑक्सीजन के साथ अंदर प्रवेश दे दिया। श्रीनिवास ने कहा कि वहां एक मरीज की गंभीर हालत थी।
कांग्रेस ने शनिवार को फिलीपींस दूतावास में भी पहुंचाई थी ऑक्सीजन
इससे पहले शनिवार रात को भी कांग्रेस ने ही फिलीपींस दूतावास में ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए थे। विदेशी दूतावासों को ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने पर भाजपा और कांग्रेस के बीच बवाल भी शुरू हो गया है। कांग्रेस ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।
सभी दूतावासों के संपर्क में है विदेश मंत्रालय
मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "विदेश मंत्रालय सभी उच्च आयोग और दूतावासों के साथ संपर्क में है और उनकी सभी कोरोना महामारी सहित अन्य सभी मेडिकल डिमांड पर कार्रवाई की जा रही है। इसमें अस्पताल में दूतावास के अधिकारी और कर्मचारियों के इलाज की सुविधा भी शामिल है।" उन्होंने आगे कहा, "महामारी को देखते हुए सभी से अपील है कि वो ऑक्सीजन सहित दूसरी तरह की जरूरी सप्लाई ना करें।"
सांसद जयराम रमेश के विदेश मंत्रालय पर साधा निशाना
इस मामले में कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने विदेश मंत्रालय पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'एक भारतीय नागरिक के तौर पर मैं कांग्रेस के प्रयासों को धन्यवाद देता हूं। मैं यह सोचकर हैरान हूं कि केंद्र सरकार के होते हुए विदेशी दूतावासों को एक विपक्षी पार्टी के नेताओं से मदद मांगनी पड़ रही है। क्या विदेश मंत्रालय सो रहा है?' इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ट्वीट किया है।
विदेश मंत्री ने कांग्रेस पर लगाया सस्ती राजनीति करने का आरोप
मामले में विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कांग्रेस पर 'सस्ती' राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, 'विदेश मंत्रालय ने फिलीपींस दूतावास में जांच की। वहां ऑक्सीजन सिलेंडर की जबरन सप्लाई की गई। साफ दिखाई देता है कि कौन सस्ती राजनीति कर रहा है। जबरन सिलेंडर बांटना गलत है।' उन्होंने आगे लिखा, 'जयरामजी, विदेश मंत्रालय कभी नहीं सोता। हमारे लोग दुनियाभर में हैं। हम जानते हैं कि कौन क्या करता है?'