दिल्ली में जहरीली धुंध बरकरार, 20-21 नवंबर को पहली बार कराई जाएगी कृत्रिम बारिश
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर गुरुवार सुबह भी 'गंभीर' श्रेणी में बरकरार रहा। शहर के ऊपर जहरीले धुएं की चादर छाई हुई है और इससे लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 6 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 426 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। प्रदूषण को काबू करने के लिए दिल्ली सरकार 20-21 नवंबर तक शहर में कृत्रिम बारिश करवा सकती है।
दिल्ली के किस इलाकों में कितना AQI?
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आज सुबह उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली के इलाके सबसे ज्यादा प्रदूषित रहे। आनंद विहार में 432, आरके पुरम में 453, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में 446, मोती बाग में 452, द्वारका में 459, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 414, पंजाबी बाग में 444, अशोक विहार में 434, पटपड़गंज में 424, ओखला में 433, इंडिया गेट में 421 और ITO में 441 और लोधी रोड में 317 AQI रहा।
दिल्ली के आसपास के इलाकों में कैसा रहा प्रदूषण का स्तर?
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अन्य इलाकों की बात करें तो ग्रेटर नोएडा 455 AQI के साथ सबसे प्रदूषित रहा। इसके अलावा फरीदाबाद में 414, गुरुग्राम में 397, नोएडा में 397 और गाजियाबाद में 370 AQI रहा।
प्रदूषण से राहत के लिए करवाई जा सकती है कृत्रिम बारिश
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शहर में AQI को कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग के माध्यम से कृत्रिम वर्षा की संभावना पर बुधवार को IIT कानपुर की एक टीम के साथ बैठक की। बैठक के बाद मंत्री ने कहा कि दिल्ली में 20-21 नवंबर को बादल छाए रहने पर कृत्रिम बारिश करवाई जा सकती है। गोपाल राय ने जानकारी दी कि इस योजना का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया गया है।
दिल्ली में पहली बार होगा कृत्रिम बारिश का प्रयोग
पर्यावरण मंत्री ने कहा, "हमें इतने कम समय में विभिन्न एजेंसियों से बहुत सारी अनुमतियों की आवश्यकता है, इसलिए हम IIT कानपुर द्वारा तैयार प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखने पेश करेंगे। अगर इससे हमें मंजूरी मिलती है और सभी संबंधित एजेंसियां हमारे साथ सहयोग करती हैं तो हम राजधानी में कृत्रिम बारिश का पहला प्रयोग कर सकते हैं।" बता दें कि कृत्रिम बारिश से प्रदूषक और धूल बैठ जाएंगे, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
प्रदूषण रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए?
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का अंतिम और चौथा चरण भी लागू है। इसके तहत दिल्ली में गैर-जरूरी ट्रकों की आवाजाही पर प्रतिबंध, गैर-जरूरी निर्माण कार्य पर रोक और सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति जैसी पाबंदियां लगाई गई हैं। BS3 पेट्रोल और BS4 डीजल वाहनों पर भी शहर में प्रतिबंध है। इसके अलावा कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध जैसी पुराने चरणों की पाबंदियां भी लागू रहेंगी।
प्रदूषण के खिलाफ और क्या कदम उठाए जा रहे?
दिल्ली सरकार ने दूसरे राज्यों में पंजीकृत ऐप आधारित टैक्सियों के शहर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। कनॉट प्लेस में बंद 23 करोड़ रुपये की लागत वाला स्मॉग टावर सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दोबारा चालू किया जा रहा है। हॉटस्पॉट इलाकों में पानी का छिड़काव किया जा रहा है और निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। हालांकि, दिल्ली में 13 नवंबर से लागू होने जा रही ऑड-ईवन योजना का क्रियान्वयन टाल दिया गया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
कृत्रिम बारिश एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें सिल्वर आयोडाईड, ड्राई आइस और साधारण नमक जैसे रासानयिक एजेंट्स को बादलों में छोड़ा जाता। इनकी वजह से बादलों पानी में बदलने लगते हैं और बारिश हो जाती है। इस प्रक्रिया को क्लाउड सीडिंग कहते हैं। इसके लिए प्राकृतिक बादलों का होना आवश्यक है। कृत्रिम बारिश करवाने में एक बार में 10-15 लाख रुपये की लागत आती है। अब तक इस प्रक्रिया का उपयोग दुनियाभर में 53 देशों ने किया है।