वायु प्रदूषण: ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे अधिक खराब, दिल्ली तीसरे स्थान पर
क्या है खबर?
सर्दियों की शुरुआत के साथ ही दिल्ली और आसपास के इलाकों की आबोहवा 'जहरीली' हो गई है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के कई शहरों में सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई।
इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है।
CPCB के अनुसार, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, दिल्ली और मुजफ्फरनगर सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में शामिल रहे।
वायु प्रदूषण
किस शहर में कितना AQI?
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, CPCB ने बताया कि दिल्ली-NCR के आसपास के 10 शहरों में AQI 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच चुका है।
सोमवार को ग्रेटर नोएडा में AQI 354, फरीदाबाद में 322, दिल्ली में 313, मुजफ्फरनगर में 299 और बहादुरगढ़ में 284 रहा।
इसके अलावा मानेसर में 280, कैथल में 269, बल्लबगढ़ में 264, भरतपुर में 261 और भिवाड़ी में 261 AQI रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ा
दिल्ली-NCR में GRAP का दूसरा चरण लागू
CPCB के अनुसार, AQI 0-50 के बीच 'अच्छा', 51-100 के बीच 'संतोषजनक', 101-200 के बीच 'मध्यम', 201-300 के बीच 'खराब', 301-400 के बीच ' बेहद खराब' और 401-500 के बीच ' अति गंभीर' माना जाता है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की उप-समिति ने आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता खराब होने की आशंका जताते हुए शनिवार को दिल्ली-NCR में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण के तहत 11 सूत्रीय कार्य योजना लागू कर दी।
लागू
क्या है GRAP और दूसरे चरण में क्या पाबंदियां लागू?
केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता के आधार पर GRAP लागू है, जो 4 चरणों में वर्गीकृत किया गया है। AQI के 301 से 400 रहने पर GRAP का दूसरा चरण लागू होता है।
इसके GRAP-2 के तहत वायु प्रदूषण के हॉट स्पॉट को चिन्हित करना, सड़कों की साफ-सफाई के साथ पानी का छिड़काव, लकड़ी/कोयले के तंदूर पर पाबंदी, पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी के अलावा इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो के फेरे भी बढ़ाए गए हैं।
बैठक
GRAP-2 के क्रियान्वयन को लेकर दिल्ली ने पर्यावरण मंत्री ने बुलाई बैठक
GRAP के दूसरे चरण के क्रियान्वयन पर चर्चा के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दोपहर को एक बैठक बुलाई।
उन्होंने कहा, "दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ-साथ वायु प्रदूषण में वृद्धि हो सकती है। GRAP के दूसरे चरण के कार्यान्वयन पर चर्चा के लिए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई गई।"
उन्होंने कहा, "मौसम हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन GRAP के तहत सभी नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा।"
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के पीछे आसपास के राज्यों में पराली जलाना भी मुख्य कारण है। इस साल दिल्ली से सटे राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में 82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है।
हाल में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए कार्रवाई का आग्रह किया था।