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दिल्ली में 16 लाख से अधिक वाहन मालिकों पर लग सकता है 10,000 रुपये का जुर्माना
दिल्ली सरकार ने PUC बनवाने के लिए भेजे नोटिस

दिल्ली में 16 लाख से अधिक वाहन मालिकों पर लग सकता है 10,000 रुपये का जुर्माना

Aug 06, 2022
01:30 pm

क्या है खबर?

भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर हैं और इसका एक मुख्य कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है। हाल ही में जारी हुई एक सरकारी रिपोर्ट से सामने आया है कि देश की राजधानी में लगभग 16 लाख से अधिक वाहन ऐसे हैं जिनके पास वैध प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र (PUC) नहीं है। इस मामले में दिल्ली सरकार ने पिछले महीने से इन वाहन मालिकों को PUC बनवाने के लिए नोटिस भेजने शुरू कर दिये हैं।

स्थिति

क्यों उठाया गया कदम?

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में करीब 13 लाख दोपहिया वाहन और तीन लाख ऐसी कारें सड़कों पर चल रही हैं जिनके पास PUC नहीं है। समाचार एजेंसी PTI के हवाले से एक अधिकारी ने कहा, "प्रदूषण का मौसम दो-तीन महीनों के भीतर आ रहा है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम कुछ हद तक वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करें। लोगों को एक वैध PUC बनवाने की चेतावनी देना इस दिशा में एक कदम है।"

नियम

क्या है प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र नियम?

केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, सभी मोटर वाहनों को अपने पहले रजिस्ट्रेशन की तारीख से एक वर्ष की अवधि की समाप्ति के बाद से एक वैध PUC पत्र रखना अनिवार्य है। यदि कोई वाहन वैध PUC के बिना सड़कों पर चलते हुए पकड़ा जाता है, तो इसके मालिक को छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या फिर दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

छूट

घर पर खड़े वाहन को मिलती है PUC से छूट

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि ऐसे वाहन जो सड़कों पर नहीं चलते हैं उन्हें इस जुर्माने से छूट देने के लिए भी एक कानूनी प्रावधान है। उदाहरणार्थ एक सेवानिवृत्त कर्नल ने विभाग को पत्र लिखा कि बेटा विदेश में रहता है और उनका वाहन गैरेज में खड़ा रहता है। ऐसे में निश्चित रूप से उनके वाहन को PUC बनवाने से छूट दी गई, लेकिन वैध PUC के बिना सड़कों पर चलने वाले वाहनों को दंड भुगतना होगा।

जानकारी

NCR में BS4 डीजल इंजन वाहनों पर लग सकता है प्रतिबंध

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने हाल ही में अगले पांच वर्षों के लिए एक नई पॉलिसी की घोषणा की है। इस नई पॉलिसी के तहत यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 के अंक से ऊपर चला जाता है, तो दिल्ली और NCR (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के सभी सीमावर्ती जिलों में आवश्यक सेवाओं में उपयोग किए जाने वाले वाहनों को छोड़कर BS4 चार पहिया डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

जानकारी

न्यूजबाइट्स प्लस

आपको याद दिला दें कि सर्दियों में होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने इस बार 1 अक्टूबर, 2022 से 28 फरवरी, 2023 तक राजधानी में मध्यम और भारी मालवाहक डीजल वाहनों के प्रवेश पर पहले ही रोक लगा दी है।