शिवराज सिंह ने किया अभी कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने का निर्णय, जानिए क्यों
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' को सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी देकर लोगों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने भी देशभर में मेगा वैक्सीनेशन अभियान की तैयारियां कर ली हैं और इसके कुछ ही दिनों में शुरू होने की संभावना है। इसी बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को फिलहाल वैक्सीन नहीं लगवाने का निर्णय किया है।
पहले प्राथमिकता समूह वाले लोगों को दी जाएगी वैक्सीन- चौहान
मुख्यमंत्री चौहान ने पहले प्राथमिकता समूह वाले लोगों को वैक्सीन दिए जाने को लेकर वैक्सीन नहीं लगवाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा, "पूरे देश में कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण की तैयारियां जोरों पर चल रही है, लेकिन मैंने तय किया है कि मैं अभी वैक्सीन नहीं लगवाउंगा। वैक्सीन पहले उन लोगों को दी जाएगी, जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर चुना गया है। उन सभी लोगों के वैक्सीन लगने के बाद ही मेरा नंबर आएगा।"
अक्टूबर में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे मुख्यमंत्री चौहान
बता दें कि मुख्यमंत्री चौहान के गत जुलाई में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वह कोरोना की चपेट में आने वाले पहले मुख्यमंत्री थे। इसके बाद उन्हें राजधानी भोपाल के चिरायू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उपचार के बाद रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें 8 अगस्त को डिस्चार्ज कर दिया गया था। ऐसे में नियमों की पालना के लिए उनके फिलहाल कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाने के निर्णय को बड़ा कदम माना जा रहा है।
मध्य प्रदेश में मुफ्त मिलेगी वैक्सीन
बता दें मुख्यमंत्री चौहान ने गत अक्टूबर में राज्य के सभी लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन मुफ्त देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि राज्य का कोई भी व्यक्ति के पैसे की कमी के कारण वैक्सीन की खुराक से वंचित नहीं रहेगा।
SEC ने की थी दोनों वैक्सीनों को मंजूरी देने की सिफारिश
बता दें कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने गत शुक्रवार को SII की 'कोविशील्ड' को आपातकालीन मंजूरी देने की सिफारिश की थी। इसके बाद उसने शनिवार को भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' को सीमित आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने की सिफारिश की थी। कमेटी की सिफारिशों पर गौर करने के बाद DCGI ने रविवार को दोनों वैक्सीनों के इस्तेमाल की आधिकारिक मंजूरी जारी कर दी।
वैक्सीन को मंजूरी मिलने के साथ ही विपक्ष ने उठाए सवाल
DCGI के दोनों वैक्सीन को मंजूरी देने के कुछ देर बाद ही कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, शशि थरूर और जयराम रमेश ने फैसले पर सवाल उठाना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत बायोटेक की वैक्सीन को तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हुए बिना मंजूरी देना खतरनाक साबित हो सकता है। इसके बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा था कोवैक्सिन का इस्तेमाल बैकअप के तौर पर किया जाएगा।
पहले चरण में तीन करोड़ लोगों को दी जाएगी वैक्सीन
बता दें कि दोनों वैक्सीनों को मंजूरी मिलने से पहले ही सरकार ने मेगा वैक्सीनेशन अभियान की तैयारी शुरू कर दी थी। सरकार गत शनिवार को पूरे देश में ड्राई रन (पूर्वाभ्यास) भी आयोजित कर चुकी है। सरकार ने पहले फेज में तीन करोड़ लोगों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। इनमें एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और दो करोड़ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता शामिल हैं। शेष प्राथमिकता सूची में शामिल 27 करोड़ लोगों को जुलाई तक कैसे वैक्सीन दी जाएगी।