ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने पाले में खींचने से भाजपा को क्या फायदा होगा?
मंगलवार को कांग्रेस से बगावत करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। सिंधिया को कांग्रेस में लगातार किनारे किया जा रहा था और इसी के चलते उन्होंने भाजपा का दामन थामा है। उनके इस दल-बदल का मध्य प्रदेश की राजनीति पर बड़ा असर पड़ना तय है और सिंधिया को राजनीतिक तौर पर इससे बड़ा फायदा हो सकता है। लेकिन सिंधिया को अपने खेमे में लेने से भाजपा को क्या फायदा होगा, आइए जानते हैं।
मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार का रास्ता होगा साफ
सिंधिया को अपने खेमे में शामिल करने के बाद भाजपा मध्य प्रदेश में अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो सकती है। सिंधिया के गुट के 22 विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है और अगर उनका इस्तीफा स्वीकार होता है तो राज्य में कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी। इसी के साथ मध्य प्रदेश विधानसभा का संख्याबल गिरकर 208 हो जाएगा और बहुमत के लिए 105 सीटें चाहिए होंगी। इसके बाद 107 सीटों वाली भाजपा आसानी से सरकार बना सकेगी।
मध्य प्रदेश में भाजपा को मिला एक युवा चेहरा
सिंधिया के पार्टी में आने से भाजपा को मध्य प्रदेश की आंतरिक राजनीति में भी बड़ा फायदा हो सकता है। अभी भाजपा के पास मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र तोमर के रूप में दो अनुभवी चेहरे हैं, लेकिन उसके पास युवा चेहरों की कमी है। सिंधिया के आने से ये कमी पूरी हो सकती है और भाजपा को लंबे समय में इसका एक बड़ा फायदा हो सकता है।
सिंधिया परिवार के गढ़ ग्वालियर-चंबल इलाके में होगा बड़ा फायदा
ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने से भाजपा को मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल इलाके में बड़ा फायदा हो सकता है जिसे सिंधिया परिवार का गढ़ माना जाता है। इस इलाके में कुल 34 विधानसभा सीटें हैं और पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिंधिया की मदद से इसमें से 75 प्रतिशत सीटें जीती थीं। अब भाजपा सिंधिया के उसके खेमे में आने से कांग्रेस के इस किले में सेंध लगाने में कामयाब हो सकती है।
सिंधिया परिवार के अन्य सदस्यों को किनारे करने में अमित शाह को होगी आसानी
ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने से भाजपा को अपनी आंतरिक राजनीति में सिंधिया परिवार के अन्य सदस्यों को किनारे करने में आसानी होगी। दरअसल, सिधिया की बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया का राजस्थान और यशोधरा राजे सिंधिया का मध्य प्रदेश की राजनीति पर अच्छा-खासा प्रभाव है, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह इन दोनों को ही पसंद नहीं करते हैं। सिंधिया परिवार के वोटबैंक को नाराज न करने की वजह से शाह अभी तक इन्हें दरकिनार नहीं कर रहे थे।
कैबिनेट में शामिल हुए तो बढ़ेगी मोदी सरकार की क्षमता
भाजपा ने सिंधिया को मध्य प्रदेश से अपना राज्यसभा उम्मीदवार भी बनाया है और उन्हें मोदी सरकार की कैबिनेट में जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है। अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अगर ऐसा है तो इसका मोदी सरकार को फायदा मिल सकता है। सिंधिया के पास मध्य प्रदेश और केंद्र के स्तर पर प्रशासनिक और नीति तैयार करने संबंधी अच्छा-खासा अनुभव है और वे सरकार की क्षमता बढ़ाने में अहम योगदान दे सकते हैं।