कोवैक्सिन: कांग्रेस ने उठाए सवाल, AIIMS निदेशक बोले- बैकअप के तौर पर होगी इस्तेमाल
क्या है खबर?
देश में रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।
माना जा रहा है कि अगले हफ्ते से कोविशील्ड के साथ देश में वैक्सीनेशन (टीकाकरण) की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
इसी बीच कांग्रेस नेताओं ने कोवैक्सिन को मंजूरी देने के फैसले पर सवाल उठाए हैं।
दूसरी तरफ AIIIMS के निदेशक ने कहा है कि इसे बैकअप के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
कोरोना वैक्सीन
कांग्रेस की क्या आपत्ति है?
दोनों वैक्सीनों को मंजूरी मिलने के कुछ ही घंटे बाद कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इस फैसले पर उठाए।
उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक की वैक्सीन को अनुमति देने के फैसले को ध्यान से देखने की जरूरत है क्योंकि इसके तीसरे चरण के ट्रायल के बिना ऐसा किया गया है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन के तीसरे चरण का इंसानी ट्रायल पूरा नहीं हुआ है, जिस वजह से इसकी सुरक्षा और कारगरता के जरूरी आंकड़ों की समीक्षा नहीं हुई है।
कोरोना वैक्सीन
शशि थरुर ने भी उठाए सवाल
उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय को नियमों में ढील देने के ठोस कारण लोगों के सामने रखने चाहिए। यह लोगों की जिंदगी और मौत से जुड़ा सवाल है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी फैसले पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि इसके तीसरे चरण के ट्रायल पूरे नहीं हुए हैं और इसे मंजूरी देना खतरनाक हो सकता है। ट्रायल पूरे होने तक इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। तब तक कोविशील्ड से वैक्सीनेशन किया जा सकता है।
प्रतिक्रिया
भाजपा ने किया पलटवार
कांग्रेस नेताओं की इन टिप्पणियों पर भाजपा की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आई है।
जेपी नड्डा ने ट्वीट किया है कि देश में जब भी लोकहित में कोई सराहनीय काम होता है, कांग्रेस उसका विरोध करना शुरू कर देती है। वो जितना ज्यादा विरोध करते हैं, उतनी उनकी कलई खुलती जाती है।
वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्विटर पर लिखा कि पहले कांग्रेस ने सैनिकों का मजाक उड़ाया और अब वो भारत में बनी वैक्सीनों से नाखुश हैं।
वैक्सीनेशन
बैकअप के तौर पर इस्तेमाल होगी कोवैक्सिन- गुलेरिया
AIIMS निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने दो वैक्सीनों को मंजूरी मिलने को ऐतिहासिक कदम बताया है।
उन्होंने कहा कि यह देश के लिए अहम दिन और नया साल शुरू करने का अच्छा तरीका है। दोनों वैक्सीनें भारत में बनी हैं। ये सस्ती और लगाने में आसान हैं। जल्दी ही इनकी मदद से वैक्सीनेशन शुरू कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को बैकअप के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
बयान
शुरुआत में इस्तेमाल होगी कोविशील्ड- गुलेरिया
गुलेरिया ने कहा, "आपातकालीन स्थिति में जब कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हो और हमें लोगों को वैक्सीन देने की जरूरत हो, तब कोवैक्सिन इस्तेमाल की जाएगी। यह ऐसी स्थिति में भी बैकअप के तौर पर इस्तेमाल हो सकती है, जब हमें यह पता नहीं हो कि कोविशील्ड कितनी प्रभावी साबित होने जा रही है।"
उन्होंने आगे कहा कि वैक्सीनेशन की शुरुआत में केवल सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार की गई वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा।
बयान
कोविशील्ड की पांच करोड़ खुराक तैयार- गुलेरिया
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि SII के पास पांच करोड़ खुराक तैयार हैं। शुरुआती चरण में वो तीन करोड़ लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध करा देंगे। जब तक यह होगा, तब तक भारत बायोटेक के आंकड़े भी उपलब्ध हो जाएंगे।