साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी पर अदालत ने नहीं लगाई रोक, कहा- चुनाव आयोग करें फैसला
क्या है खबर?
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि इस बारे में चुनाव आयोग को फैसला लेना है।
बता दें कि मालेगांव धमाकों की आरोपी प्रज्ञा सिंह फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। उन पर अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत मुकदमा चल रहा है।
आइये, जानते हैं यह पूरा मामला क्या है।
फैसला
चुनाव आयोग को लेना होगा फैसला
अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत के पास किसी को चुनाव लड़ने से रोकने की शक्ति नहीं है। इस बारे में फैसला लेने का अधिकार चुनाव आयोग के पास है।
अदालत ने कहा कि चूंकि NIA ने (आरोपी की रिहाई नकारने के) फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती नहीं दी है, इसलिए प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।
कोर्ट मालेगांव धमाके में पीड़ित परिवार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिका
मालेगांव धमाके के पीड़ित परिवार ने लगाई थी याचिका
मालेगांव धमाके में मारे गए सैयद अजहर के पिता निसार अहमस सैयद बिलाल ने यह याचिका दायर की थी।
उन्होंने प्रज्ञा की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि जब NIA इस मामले में कुछ नहीं कर रही है तो यह उनका दायित्व बनता है कि कोर्ट को उस कदम के बारे में जानकारी दी जाए, जिससे बम धमाके के पीड़ितों को कष्ट हुआ है।
निसान ने अपनी याचिका में प्रज्ञा को दी गई जमानत पर कई सवाल उठाए थे।
आरोप
'स्वास्थ्य कारणों के कारण मिली जमानत'
अपनी याचिका में निसार ने कहा कि प्रज्ञा सिंह ने बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने यह लिखित बयान दिया था कि वह बिना किसी सहारे चल नहीं सकती।
ऐसे में स्वास्थ्य कारणों पर हाई कोर्ट ने उन्हें 25 अप्रैल, 2017 को जमानत दी थी।
निसार ने कहा कि अब वो इस भयानक गर्मी में चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह फिट है।
उन्होंने अपनी याचिका में आगे कहा कि प्रज्ञा सिंह ने इस मामले में अदालत को गुमराह किया है।
आरोपों का जवाब
प्रज्ञा सिंह ने कहा- स्वास्थ्य के आधार पर जमानत नहीं मिली
आजतक के मुताबिक, अपनी जमानत पर हो रही बयानबाजी को लेकर प्रज्ञा ने कहा कि उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर जमानत नहीं मिली है।
आतंक के आरोपों पर उन्होंने कहा, "आरोप भी इनके कहने पर लगाया है और उन्होंने षड्यंत्र के तौर पर यह काम किया है जिससे कोई देशभक्त खड़ा न हो सके। यह इनका छल है। मैं जमानत पर हूं। मुझे NIA ने क्लीन चिट दी है क्योंकि मेरे विरुद्ध कभी कुछ नहीं था और न ही है।"
उम्मीदवारी
दिग्विजय सिंह के सामने चुनाव लड़ रही हैं साध्वी प्रज्ञा सिंह
भाजपा ने मालेगावं धमाकों में आरोपी प्रज्ञा सिंह को भोपाल से टिकट दिया है, जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय से होगा।
उन्हें टिकट मिलने की खबर आते ही सोशल मीडिया पर इसका विरोध होने लगा।
यह पहली बार है जब किसी बड़ी पार्टी ने आतंक फैलाने के किसी आरोपी को चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है।
प्रज्ञा पर मुंबई की अदालत में UAPA कानून के तहत मुकदमा चल रहा है और वो जमानत पर बाहर हैं।
परिचय
ऐसे चर्चा में आई थीं प्रज्ञा सिंह
मध्य प्रदेश के भिंड में जन्मीं साध्वी मालेगांव धमाके के बाद चर्चा में आई थीं। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। प्रज्ञा सिंह इस मामले में नौ साल तक जेल में रहीं।
इसके अलावा उन पर 2007 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारक (RSS) सुनील जोशी की हत्या का भी आरोप था, जिससे कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।
साध्वी RSS के छात्र संगठन अखिल भारतीय विधार्थी परिषद (ABVP) की सदस्य भी रह चुकी हैं।