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साध्वी प्रज्ञा के बयान से आहत हेमंत करकरे के पूर्व साथी लड़ेंगे उनके खिलाफ चुनाव

साध्वी प्रज्ञा के बयान से आहत हेमंत करकरे के पूर्व साथी लड़ेंगे उनके खिलाफ चुनाव

Apr 26, 2019
06:01 pm

क्या है खबर?

मुंबई के पूर्व ATS प्रमुख हेमंत करकरे पर भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के विवादित बयान से आहत उनके एक साथी ने प्रज्ञा के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। करकरे 2008 मुंबई आतंकी हमलों में शहीद हुए थे और उन्हें मरणोपरांत देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। प्रज्ञा ने करकरे पर खुद को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।

विवादित बयान

मेरे श्राप के कारण मारे गए करकरे- प्रज्ञा

2008 मालेगांव धमाकों की आरोपी प्रज्ञा ने भोपाल से भाजपा उम्मीदवार बनने के बाद करकरे पर विवादित बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया था। धमाकों से संबंधित पूछताछ में करकरे के खुद को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा था, "उस समय मैंने करकरे को श्राप दिया था कि तेरा सर्वनाश होगा। उसी दिन सूतक लग गया और सवा माह बाद उसे आतंकियों ने मार दिया।" उनके इस बयान पर बहुत विवाद हुआ था।

रियाजुद्दीन देशमुख

करकरे को देशद्रोह बताए जाने आहत उनके पूर्व साथी

अब करकरे के इस अपमान से आहत उनके पूर्व साथी और महाराष्ट्र पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी रियाजुद्दीन देशमुख ने प्रज्ञा के खिलाफ भोपाल से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। करकरे के जूनियर रहे 60 वर्षीय देशमुख ने 23 मार्च को अपना नामांकन दाखिल किया। करकरे को अपना गुरू बताते हुए उन्होंने कहा, "प्रज्ञा के मेरे गुरू को देशद्रोही बताने वाले बयान से मैं आहत हुआ हूं और इसने उन्हें चुनाव लड़ने को मजबूर किया है।

जानकारी

करकरे के नीचे सब इंस्पेक्टर के तौर पर किया काम

देशमुख ने बताया कि उन्होंने 1988 में करकरे के नीचे सब-इंस्पेक्टर के तौर पर काम किया था। करकरे उस समय अकोला जिले के पुलिस अधीक्षक थे। उन्होंने कहा कि वह इसके बाद से उनके संपर्क में रहे और वह उन्हें बेहद पसंद करते थे।

एक और विवादित बयान

प्रज्ञा ने दिग्विजय सिंह को बताया आतंकी

बता दें कि शहीद करकरे का अपमान करने के लिए चुनाव आयोग ने प्रज्ञा के खिलाफ नोटिस भी जारी किया था। लेकिन वह इसके बाद भी विवादित बयान देने से बाज नहीं आईं और गुरुवार को भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बता दिया। उन्होंने कहा, "उमा दीदी ने उन्हें 16 साल पहले हराया था। अब एक बार फिर ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए संन्यासी को खड़ा होना पड़ा है। "

जानकारी

बाबरी मस्जिद पर भी बिगड़े प्रज्ञा के बोल

इसके अलावा प्रज्ञा ने बाबरी मस्जिद पर भी विवादित बयान दिया था। 1992 में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने में शामिल होने को उन्होंने गर्व का विषय बताया था। करकरे वाले बयान के अलावा इन दोनों बयानों पर भी उनके खिलाफ नोटिस जारी हुआ है।