प्रवासी मजदूरों के रोजगार के लिए केंद्र सरकार ने बनाया मेगा प्लान, 50,000 करोड़ करेगी खर्च
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लॉकडाउन ने देश के लाखों प्रवासी मजदूरों का रोजगार छीन लिया है। ये लोग अपने घरों को लौट चुके हैं और अब रोजगार के लिए भटक रहे हैं।
ऐसे में केंद्र सरकार ने उन्हें रोजगार मुहैया कराने और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए 50,000 करोड़ की लागत का मेगा प्लान बनाया है।
इसे गरीब कल्याण रोज़गार अभियान (JKRA) नाम दिया है और 20 जून को इसका शुभारंभ होगा।
शुरुआत
बिहार के खगरिया जिले से होगी अभियान की शुरुआत
केंद्र सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू किए जा रहे गरीब कल्याण रोज़गार अभियान की शुरुआत बिहार के खगरिया जिले के तेलिहार गांव से होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसकी शुरुआत करेंगे। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे। इस अभियान को प्रवासी मजजदूरों के लिए वरदान माना जा रहा है।
चयन
छह राज्यों के 116 जिलों के 25,000 प्रवासी मजदूरों का किया चयन
रिपोर्ट के अनुसार इस अभियान के लिए छह राज्यों (बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा) के कुल 116 जिलों के 25,000 से अधिक प्रवासी मजूदरों को इस अभियान के लिए चुना गया है।
इसमें 27 आकांक्षी जिले भी शामिल हैं। इन जिलों के ऐसे करीब दो तिहाई प्रवासी मजदूरों को शामिल करने का अनुमान है।
116 जिलों के गांव सोशल डिस्टैंसिंग आदि नियमों का पालन करते हुए साझा सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिए इसमें शामिल होंगे।
जानकारी
12 मंत्रालय करेंगे योजना का समन्वयन
रिपोर्ट के अनुसार इस अभियान का समन्वयन ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि मंत्रालय करेंगे। ये सभी कार्यों पर पूरी नजर रखेंगे।
अवधि
125 दिनों का यह अभियान मिशन के रूप में चलेगा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार यह अभियान 125 दिनों का होगा जो मिशन के रूप में चलेगा। इसमें 25 तरह के कामों की लिस्ट बनाई गई है।
जिसके तलत घर लौटे प्रवासी मजदूरों को काम दिया जाएगा और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा तैयार करने पर फोकस रहेगा। इस पर 50,000 करोड़ खर्च किये जाएंगे।
यह राशि केंद्र सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ही हिस्सा होगी।
जानकारी
स्किल मैपिंग डाटा का भी किया जाएगा विश्लेषण
अधिकारियों ने कहा कि अभियान में प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग करने वाले बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के डाटा का भी विश्लेषण किया जाएगा। उसी के आधार पर योजना के तहत गांवों में कामों का बंटवारा किया जाएगा।
हकीकत
एक करोड़ से अधिक प्रवासी मजदूर घरों को लौटे
लॉकडाउन के बाद पूरे देश में प्रवासी मजदूरों के पलायन का बड़ा दौर देखने को मिला था। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार इस तरह की विपदा देखी गई और करीब एक महीने लगभग एक करोड़ प्रवासी मजदूर अपने-अपने घरों तक पहुंचे।
इससे लॉकडाउन हटने के बाद उद्योग धंधा चलाने के जिए मजदूरों का संकट भी पैदा होने की आशंका बतायी जा रही है। साथ ही इन मजदूरों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।