Page Loader
नागालैंड से AFSPA हटाने के लिए समिति गठित करेगा केंद्र, 45 दिन में सौंपनी होगी रिपोर्ट
नागालैंड से AFSPA हटाने के लिए समिति गठित करेगा केंद्र।

नागालैंड से AFSPA हटाने के लिए समिति गठित करेगा केंद्र, 45 दिन में सौंपनी होगी रिपोर्ट

Dec 26, 2021
06:48 pm

क्या है खबर?

नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की फायरिंग में 14 लोगों की मौत के बाद वहां के लोगों द्वारा राज्य से सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (AFSPA) हटाने की पुरजोर मांग की जा रही है। इसको लेकर राज्य के मुख्यमंत्री नेफियू रियो सहित सरकार के अन्य अधिकारियों ने गत दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद अब गृह मंत्री ने AFSPA हटाने पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय किया है।

रिपोर्ट

समिति की रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा AFSPA हटाने का निर्णय

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, नागालैंड सरकार द्वारा रविवार को जारी की गई एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य से AFSPA हटाए जाने की मांग को लेकर 23 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की गई थी। इसके बाद अब केंद्र ने AFSPA हटाने पर विचार करने के लिए समिति गठित करने का निर्णय किया है। यह समिति 45 दिनों में गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके आधार पर AFSPA हटाने पर फैसला होगा।

अध्यक्षता

गृह मंत्रालय के पूर्वोत्तर के अतिरिक्त सचिव करेंगे समिति की अध्यक्षता

राज्य सरकार की विज्ञप्ति में कहा गया है कि समिति की अध्यक्षता गृह मंत्रालय के पूर्वोत्तर के अतिरिक्त सचिव करेंगे। इसमें नागालैंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ-साथ असम राइफल्स (उत्तर) के महानिरीक्षक और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। यह समिति 45 दिनों में यह निर्णय करेगी कि नागालैंड से वर्तमान स्थिति में AFSPA हटाया जा सकता है या नहीं। समिति की रिपोर्ट राज्य के लिए बहुत अहम होगी।

आभार

मुख्यमंत्री रियो ने जताया गृह मंत्री का आभार

मामले में नागालैंड के मुख्यमंत्री रियो ने ट्वीट कर गृह मंत्री शाह का आभार जताया है। उन्होंने लिखा, 'केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नई दिल्ली में 23 दिसंबर को हुई बैठक के संबंध में आज मीडिया को जानकारी दी है। इस मामले को बेहद गंभीरता से लेने के लिए मैं अमित शाह जी का आभारी हूं। राज्य सरकार सभी से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए अपील करती है। सरकार लोगों की मांगों का सम्मान करती है।'

बैठक

नागालैंड के प्रतिनिधि मंडल ने की थी AFSPA हटाने की मांग

राज्य में बढ़ती AFSPA हटाने की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री रियो के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री वाई पैटन, पूर्व मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने 23 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने राज्य के हालातों को देखते हुए AFSPA हटाने और मोन जिले से असम राइफल्स यूनिट को तत्काल प्रभाव से बदलने की मांग की थी। उसके बाद अब केंद्र ने समिति गठित करने का निर्णय किया है।

पृष्ठभूमि

मोन जिले में क्या हुआ था?

4 दिसंबर को मोन जिले में एक उग्रवाद-रोधी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने तिरू-ओटिंग रोड के पास काम से लौट रहे ग्रामीणों को गलती से उग्रवादी समझ कर उनके वाहन पर फायरिंग कर दी थी। घटना की जानकारी मिलने पर गुस्साए लोगों ने जवानों पर हमला कर दिया था और अपनी आत्मरक्षा में जवानों को एक बार फिर से फायरिंग करनी पड़ी थी। इस घटना में कुल 14 ग्रामीण मारे गए थे, वहीं एक जवान की भी मौत हुई।

मांग

घटना के बाद से ही उठ रही AFSPA हटाने की मांग

मोन जिले की इस घटना के बाद से राज्य के लोग AFSPA हटाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर 11 दिसंबर को सैकड़ों ग्रामीणों ने नागा जनजाति 'कोनयाक' के नेतृत्व में विरोध मार्च भी निकाला था। इसके अलावा नगालैंड विधानसभा में पिछले सप्ताह एकमत से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से AFSPA हटाने की मांग की गई थी। इसके अलावा नगालैंड ही नहीं बल्कि समूचे पूर्वोत्तर से ही इस अधिनियम को हटाने पर जोर दिया था।