राज्यसभा में विपक्ष के हंगामा करने पर भावुक हुए वेंकैया नायडू, कहा- कार्रवाई की जाएगी

कृषि कानूनों और पेगासस जासूसी विवाद सतिह अन्य मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। इसके चलते मंगलवार को लोकसभा का समय से दो दिन पहले ही समापन कर दिया गया। इसी तरह राज्यसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। कुछ सांसदों ने टेबल पर चढ़कर विरोध जताया। इस घटना से राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू काफी आहत हुए हैं और उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है।
बता दें मंगलवार को राज्यसभा में कृषि मुद्दों पर चर्चा चल रही थी। उसी दौरान कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा और आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह नए कृषि कानूनों को लेकर हंगामा करने लग गए। वह नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए और बीच में रखी टेबल पर चढ़ गए। इतना ही नहीं बाजवा ने रूलबुक तक आसन की ओर फेंक दी थी। सभापति नायडू के बार-बार कहने पर भी सांसदों ने हंगामा करना बंद नहीं किया।
राज्यसभा में हंगामे के बाद सांसद बाजवा को कोई पछतावा भी नहीं था। उन्होंने कहा था, "यदि सरकार हमें तीन काले कृषि विरोधी कानूनों पर चर्चा करने का मौका नहीं देती है तो मैं इस तरह का विरोध प्रदर्शन 100 बार फिर से करूंगा।"
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, बुधवार को राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति वेंकैया नायडू भावुक हो गए। उन्होंने मंगलवार की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब कृषि कानूनों का विरोध करते हुए कुछ सांसद मेज पर खड़े हो गए और अन्य सदस्य सदन की मेज पर चढ़ गए, तब राज्यसभा की सारी पवित्रता खत्म हो गई। उन्होंने कहा कि सदन में हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों को कार्रवाई का सामना करना होगा।
सभापति नायडू ने कहा, "मेरी पीड़ा व्यक्त करने और इस कृत्य की निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं। घटना को लेकर मेरी पूरी रात की नींद खराब हो गई, क्योंकि मैं इस प्रतिष्ठित सदन को कल इतने निचले स्तर पर ले जाने के लिए कारण के उकसावे का पता लगाने के लिए विचार करता रहा था।" उन्होंने विपक्ष से कहा कि आप सरकार को इस बात के लिए फोर्स नहीं कर सकते कि वो क्या करें और क्या नहीं।
राज्यसभा में हंगामे की केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा, "एक पार्टी जो नया अध्यक्ष चुनने में सक्षम नहीं है। जिसके सांसद अपनी पार्टी के कानूनों को फाड़ देते हैं और निंदनीय व्यवहार में शामिल होकर संसद नहीं चलने देते हैं। यह दर्शाता है कि लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया।" उन्होंने कहा, "लोगों ने सांसदों को चर्चा के लिए चुना है, लेकिन वो कागज फाड़ने और फाइलें फेंकने का काम कर रहे हैं।"
सरकार के कई मंत्रियों ने भी राज्यसभा में हुए हंगामे को शर्मसार करने वाली घटना करार दिया है और सभापति से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। अब राज्यसभा में हंगामा खड़ा करने वाले सांसदों के खिलाफ मामले को संसद की आचार (एथिक्स) समिति के पास भेजा जा सकता है। बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सदन के नेता पियूष गोयल आदि ने सभापति नायडू से मिलकर मामले में सख्ती बरतने की मांग की है।