नागालैंड सरकार ने लगाया कुत्ते के मांस की बिक्री और आयात पर प्रतिबंध
क्या है खबर?
नागालैंड सरकार ने शुक्रवार को कुत्ते के मांस की बिक्री और व्यावसायिक आयात और व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके अलावा कुत्तों के बाजारों को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। ये आदेश पके और कच्चे दोनों तरह के मांस पर लागू होगा।
बता दें कि नागालैंड में पिछले काफी समय से इसकी मांग हो रही थी और हाल ही में बोरियों में बंधे कुत्तों की तस्वीर सामने आने के बात इस मांग ने जोर पकड़ लिया था।
पृष्ठभूमि
नागालैंड में कुछ समुदाय करते हैं कुत्ते के मांस का सेवन
पूर्वोत्तर और विशेषकर नागालैंड के कुछ समुदायों में कुत्ते का मांस खाने का चलन है और वे मानते हैं कि इसमें उच्च पोषण और औषधीय गुण होते हैं।
यूं तो देशभर में कुत्ते के मांस की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध है, लेकिन नागालैंड को संविधान के अनुच्छेद 371(A) के तहत विशेषाधिकार मिले हुए हैं जो संसद के किसी भी कानून से यहां की प्रचलित पारंपरिक प्रथाओं को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
तस्वीर
सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी बिक्री के लिए लाए गए कुत्तों की तस्वीर
नागालैंड में कुत्ते के मांस के सेवन के इस चलन पर लगातार सवाल उठते रहे हैं और जानवरों के अधिकार के लिए काम करने वाली संस्थाएं इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करती रही हैं।
इस हफ्ते सोशल मीडिया पर बोरियों में बंधे कुत्तों की एक तस्वीर वायरल होने के बाद इस मांग ने जोर पकड़ा। ये तस्वीर नागालैंड के दीमापुर बाजार की थी और बिक्री के लिए लाए गए इन कुत्तों के मुंह रस्सियों से बंधे हुए थे।
अभियान
मेनका गांधी और पशु संरक्षण संगठनों ने चलाया था अभियान
ये तस्वीर वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों में इसके खिलाफ जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला था और भारतीय पशु संरक्षण संगठनों के संघ (FIAPO) ने गुरूवार को राज्य सरकार के पास कुत्ते के मांस के व्यापार को बंद करने की अपील दायर की थी।
भाजपा सांसद मेनका गांधी ने भी वायरल तस्वीर को ट्वीट करते हुए कुत्ते के मांस की बिक्री पर रोक लगाने का अभियान चलाया था और इसे गैरकानूनी बताया था।
प्रतिबंध
मांगों को स्वीकार कर नागालैंड सरकार ने लगाया प्रतिबंध
अब शुक्रवार को राज्य सरकार ने कुत्ते के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया। राज्य के मुख्य सचिव तेमजेन तॉय ने ट्वीट कर कहा, "राज्य सरकार ने कुत्ते के बाजार, कुत्तों का व्यावसायिक आयात और व्यापार और कुत्ते के मांस, पका और कच्चा दोनों, की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है।"
उन्होंने कहा कि ये फैसला पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत लिया गया है।
पड़ताल
नागालैंड में पड़ोसी राज्यों से लाए जाते हैं कुत्ते
FIAPO की एक पड़ताल के अनुसार, नागालैंड में पड़ोसी पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल से कुत्ते लाए जाते हैं।
पड़ताल में सामने आया था कि असम में कुत्ते पकड़ने वाले को प्रति कुत्ते 50 रुपये दिए जाते हैं। यही कुत्ता नागालैंड में 1,000 रुपये में बिकता है।
बाद में 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से एक कुत्ते का मांस 2,000 रुपये में बिकता है जो कुत्ता पकड़ने वाले व्यक्ति को किए गए भुगतान का 40-50 गुना है।