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नागालैंड फायरिंग: नागा जनजाति की 5 मांगें, दोषियों के खिलाफ तत्पर और AFSPA हटाने को कहा
कोनयाक नागा जनजाति की सरकार से पांच मांगें

नागालैंड फायरिंग: नागा जनजाति की 5 मांगें, दोषियों के खिलाफ तत्पर और AFSPA हटाने को कहा

Dec 07, 2021
11:49 am

क्या है खबर?

नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की फायरिंग में 14 लोगों की मौत के मामले में नागा जनजाति 'कोनयाक' ने सरकार के सामने पांच मांगें रखी हैं। घटना में मारे गए ज्यादातर लोग इसी जनजाति से आते थे। जनजाति ने सरकार को भेजे गए ज्ञापन में मांग की है कि दोषी सैनिकों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कार्रवाई की जाए और सुरक्षाबलों को विशेष शक्तियां देने वाले सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) को हटाया जाए।

मांगें

कोनयाक यूनियन की मामले में स्वतंत्र जांच समिति बनाने की मांग

कोनयाक जनजाति के शीर्ष निकाय कोनयाक यूनियन ने ज्ञापन में उठाई गई अपनी पहली मांग में कहा है कि मामले में तुरंत एक सक्षम जांच एजेंसी के अंतर्गत एक स्वतंत्र जांच समिति बनाई जाए। इसके अलावा यूनियन ने मामले की जांच के लिए बनाए गए विशेष जांच दल (SIT) में नागा समुदाय के दो सदस्यों को शामिल करने की मांग भी की है। नागालैंड सरकार ने यह SIT बनाई है।

अन्य मांगें

दोषी सैनिकों को सजा और असम राइफल्स की तत्काल वापसी की भी मांग

अपनी तीसरी मांग में कोनयाक यूनियन ने सभी दोषी सैनिकों के खिलाफ केस दर्ज करके उन्हें देश के कानून के तहत सजा देने को कहा है। यूनियन ने सैनिकों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी 30 दिन के अंदर सार्वजनिक करने की मांग भी की है। ज्ञापन में मोन जिले से असम राइफल्स की तत्काल वापसी और उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों से AFSPA हटाए जाने की मांग भी की गई है।

मांगों का मतलब

क्या है AFSPA?

AFSPA एक विशेष कानून है जिसे संघर्ष वाले इलाकों में लगाया जाता है और ये लागू होने पर किसी भी सैनिक पर बिना केंद्र सरकार की मंजूरी के कार्रवाई नहीं हो सकती है। मोन जिले में हुई घटना जैसी स्थितियों में सैनिकों को कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए ही ये कानून बनाया गया है। मौजूदा मामले में अभी तक केंद्र सरकार ने साफ नहीं किया है कि वह सैनिकों के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी देगी या नहीं।

पृष्ठभूमि

मोन जिले में क्या हुआ था?

शनिवार को मोन जिले में एक उग्रवाद-रोधी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने तिरू-ओटिंग रोड के पास काम से लौट रहे ग्रामीणों को गलती से उग्रवादी समझ कर उनके वाहन पर फायरिंग कर दी थी। घटना की जानकारी मिलने पर गुस्साए लोगों ने जवानों पर हमला कर दिया था और अपनी आत्मरक्षा में जवानों को एक बार फिर से फायरिंग करनी पड़ी थी। इस घटना में कुल 14 ग्रामीण मारे गए थे, वहीं एक जवान की भी मौत हुई।

अंतिम संस्कार

सोमवार रात दफनाए गए घटना में मारे गए लोग

घटना में मारे गए 14 में से 12 लोगों को सोमवार रात दफन किया गया। ये सभी ओटिंग गांव के रहने वाले थे। परेशान करने वाली तस्वीरों में रोते-बिलखते परिजनों को अपने प्रियजनों को अंतिम विदाई देते हुए देखा जा सकता है। एक महिला एक ताबूत के ऊपर बिलख-बिलख कर रो रही है। एक दूसरी तस्वीर में सभी मृतकों को एक साथ एक बड़ी कब्र में दफनाते हुए देखा जा सकता है।