ममता और केंद्र के बढ़ी तनातनी, मुख्य सचिव और DGP को दिल्ली भेजने से किया इनकार
पश्चिम बंगाल में गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर केंद्र और ममता बनर्जी सरकार के बीच तनातनी बढ़ती नजर आ रही है। मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय और पुलिस महानिदेशक (DGP) वीरेंद्र सिंह को दिल्ली तलब किया था, लेकिन अब ममता ममता सरकार ने उन्हें दिल्ली भेजने से इनकार कर दिया है।
डायमंड हार्बर जाते समय हुआ था भाजपा अध्यक्ष के काफिले पर हमला
बता दें कि भाजपा अध्यक्ष नड्डा और महासचिव विजयवर्गीय गुरुवार को पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए डायमंड हार्बर जा रहे थे। उस दौरान कुछ लोगों ने काफिले को रोकते हुए उस पर पथराव कर दिया था। इसके बाद भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर हमला करने का आरोप लगाया था। भाजपा का कहना है कि भीड़ ने नड्डा और विजयवर्गीय के वाहनों को निशाना बनाया था।
नड्डा ने कही थी मुकुल राय और विजयवर्गीय को चोट लगने की बात
हमले के बाद नड्डा ने कहा था, "हमारे काफिले में एक भी कार ऐसी नहीं थी, जिस पर हमला नहीं किया गया। मैं बुलेटप्रूफ कार में था इसलिए सुरक्षित हूं। पश्चिम बंगाल में गुंडागर्दी और असहिष्णुता का यह राज खत्म होना चाहिए। मुकुल रॉय और कैलाश विजयवर्गीय को हमले में चोट आई है। यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।" इसी तहर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि इस हमले से TMC का असली चेहरा सामने आ गया है।"
TMC ने किया था आरोपों का खंडन
भाजपा नेताओं के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए TMC नेताओं ने इनका खंडन किया था। TMC नेता मदन मित्रा ने हमले में अपनी पार्टी की भूमिका से इनकार करते हुए कहा, "उनके खुद के गुंडे हिंसा में शामिल हैं।" वहीं ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, "भाजपा बाहर से लोगों को पश्चिम बंगाल में लाती है और राज्य सरकार को इसकी सूचना भी नहीं दी जाती।" इसी तरह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे नौटंकी करार दिया था।
राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति लंबे समय से खराब- राज्यपाल
गृह मंत्रालय ने मामले में राज्यपाल जगदीप धनकड़ से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद राज्यपाल ने रिपोर्ट भेजकर कहा था कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति लंबे समय से खराब है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को संविधान का पालन करना होगा और वह इससे विमुख नहीं हो सकती हैं। इतना ही नहीं उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों पर समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने और नड्डा की सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त नहीं करने का भी आरोप लगाया था।
राज्यपाल की रिपोर्ट के बाद मुख्य सचिव और DGP को किया था तलब
राज्यपाल धनकड़ की रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव और DGP को 14 दिसंबर को दिल्ली तलब किया था, लेकिन अब सरकार ने उन्हें दिल्ली भेजने से इनकार कर दिया है। मुख्य सचिव ने मंत्रालय को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है।
मुख्य सचिव ने दिल्ली नहीं आने का यह बताया कारण
मुख्य सचिव द्वारा केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को भेजे गए पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार ने उन्हें 14 दिसंबर को गृह मंत्रालय के पश्चिम बंगाल के अधिकारियों की मौजूदगी के बिना बैठक करने का अनुरोध करने का निर्देश दिया है। ऐसे में वह और DGP दिल्ली नहीं आ पाएंगे। उन्होंने नड्डा के काफिल पर हुए हमले के मामले में लिखा कि राज्य पूरी गंभीरता के साथ मुद्दे का समाधान कर रहा है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य सचिव ने पत्र में दी यह सफाई
मुख्य सचिव ने पत्र में बताया कि राज्य सरकार ने नड्डा की यात्रा के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की थी। उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा के लिहाज से बुलेट प्रूफ कार भी प्रदान की गई थी। इसके अलावा DIG की निगरानी में चार पुलिस अधीक्षक, आठ उपाधीक्षक, 14 इंस्पेक्टर, 70 उप निरीक्षक, 40 रैपिड एक्सन फोर्स, 259 कांस्टेबल और 350 अन्य सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। इस संबंध में इस तक तीन मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
मामले में सात लोगों को किया जा चुका है गिरफ्तार
मुख्य सचिव ने बताया कि अब सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य आरोपियों की भी तलाश जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार खुद इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।