बंगाल के तीन IPS अधिकारियों की केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर ममता और केंद्र सरकार में ठनी
पश्चिम बंगाल में पिछले सप्ताह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर केंद्र और ममता बनर्जी सरकार के बीच ठन गई है। मामले में गृह मंत्रालय की ओर से तीन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली बुलाया गया था, लेकिन ममता सरकार ने उन्हे कार्यमुक्त नहीं किया। इस पर अब गृह मंत्रालय ने IPS कैडर रूल 6(1) के तहत यह कारवाई करते हुए तीनों अधिकारियों को दिल्ली बुलाया है।
डायमंड हार्बर जाते समय हुआ था भाजपा अध्यक्ष के काफिले पर हमला
बता दें कि भाजपा अध्यक्ष नड्डा और महासचिव विजयवर्गीय 10 दिसंबर को पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए डायमंड हार्बर जा रहे थे। उस दौरान कुछ लोगों ने काफिले को रोकते हुए उस पर पथराव कर दिया था। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर हमला करने का आरोप लगाया था। भाजपा का कहना है कि भीड़ ने नड्डा और विजयवर्गीय के वाहनों को निशाना बनाया था।
नड्डा ने घटना को बताया था लोकतंत्र के लिए शर्मनाक
हमले के बाद नड्डा ने कहा था, "पश्चिम बंगाल में गुंडागर्दी और असहिष्णुता का यह राज खत्म होना चाहिए। मुकुल रॉय और कैलाश विजयवर्गीय को हमले में चोट आई है। यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।" इसी तरह भाजपा प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि इस हमले से TMC का असली चेहरा सामने आ गया है।" इसके बाद TMC नेताओं ने इनका खंडन करते हुए कहा था कि भाजपा के खुद के गुंडे ही इस हमले में शामिल थे।
गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को किया था तलब
मामले में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने गृह मंत्रालय को भेजी विस्तृत रिपोर्ट कहा था कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति लंबे समय से खराब है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव और DGP को 14 दिसंबर को दिल्ली तलब किया था, लेकिन वह नहीं गए। गृह मंत्रालय ने डायमंड हार्बर के पुलिस अधीक्षक, भोलानाथ पांडे, दक्षिण बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजीव मिश्रा और पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रवीण त्रिपाठी को प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली बुलाया था।
ममता सरकार ने तीनों अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजने से किया इनकार
गृह मंत्रालय की ओर से तीनों IPS अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली बुलाए जाने के आदेश देने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें भेजने से इनकार कर दिया था। इसके अलावा उन्होंने तीनों अधिकारियों को कार्य मुक्त भी नहीं किया था। उस दौरान मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा था कि वह केंद्र सरकार को छद्म रूप से राज्य की मशीनरी को नियंत्रित करने की इजाजत नहीं देेगी। पश्चिम बंगाल अलोकतांत्रिक ताकतों के आगे नहीं झुकेगा।
ममता सरकार की जिद के बाद गृह मंत्रालय ने उठाया कठोर कदम
इंडिया टुडे के अनुसार ममता सरकार द्वारा तीनों IPS अधिकारियों को भेजने से इनकार करने के बाद अब गृह मंत्रालय ने सख्त कदम उठाते हुए राज्य को पत्र लिखकर उन्हें आवश्यक रूप से कार्य मुक्त करने को कहा है। गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि यदि राज्य सरकार तीनों अधिकारियों को तत्काल कार्य मुक्त नहीं करती है तो ये DoPT के क्लॉज 6(1) A का उल्लंघन होगा। इससे अधिकारियों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
ममता बनर्जी ने गृह मंत्रालय के पत्र पर दी तीखी प्रतिक्रिया
गृह मंत्रालय की ओर से दुबारा भेजे गए पत्र को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा, 'राज्य की आपत्ति के बावजूद पश्चिम बंगाल के 3 सेवारत IPS अधिकारियों के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का आदेश IPS कैडर नियम 1954 के आपातकालीन प्रावधान की शक्ति का दुरुपयोग है।' उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहा है, यह असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
गृह मंत्रालय ने तीनों अधिकारियों की यहां की प्रतिनियुक्ति
गृह मंत्रालय ने IPS भाेलानाथ पांडे को तीन साल के लिए BRDP पुलिस अधीक्षक, राजीव मिश्रा को पांच साल के लिए पुलिस महानिरीक्षक ITBP और प्रवीण त्रिपाठी को पांच साल के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक SSB में प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया है।