नागालैंड: सुरक्षाबलों की फायरिंग में आम लोगों की मौत के मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
क्या है खबर?
नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की फायरिंग में मारे गए आम नागरिकों की संख्या 14 हो गई है। शनिवार को गलतफहमी के कारण हुई इस घटना में एक जवान भी शहीद हुआ है।
घटना के कारण स्थानीय निवासियों में आक्रोश है और स्थिति को काबू में करने के लिए कई इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
चलिए आपको नागालैंड समेत पूरे देश को चौंका देने वाली इस घटना के बारे में विस्तार से बताते हैं।
पृष्ठभूमि
सुरक्षाबलों ने आम नागरिकों पर क्यों की फायरिंग?
सुरक्षाबलों ने आम नागरिकों पर जानबूझकर फायरिंग नहीं की और ये घटना एक उग्रवाद-रोधी अभियान के दौरान गलतफहमी के कारण हुई।
दरअसल, सुरक्षाबलों को एक उग्रवादी संगठन से जुड़े लोगों के घुसपैठ करने की खुफिया जानकारी मिली थी और वे तिरू-ओटिंग रोड के पास घात लगाकर बैठे थे।
इसी बीच खदान में काम करके लौट रहे आम नागरिकों का वाहन मौके पर आ गया और जब वो नहीं रुका तो सुरक्षाबलों ने उग्रवादी समझ उस पर फायरिंग कर दी।
घटनाक्रम
शुरूआती फायरिंग में आठ की मौत, गुस्साई भीड़ ने किया सुरक्षाबलों पर हमला
सुरक्षाबलों की फायरिंग में छह लोग मौके पर ही मर गए, वहीं दो की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।
इस बीच जब मजदूर तय समय पर गांव नहीं पहुंचे तो ग्रामीण उन्हें ढूढ़ते-ढूढ़ते घटनास्थल पर आ गए। उन्हें मृत पाकर ग्रामीणों को गुस्सा आ गया और उन्होंने सुरक्षाबलों को घेर लिया।
उन्होंने तीन वाहनों को फूंक दिया, वहीं एक जवान की भी मौत हो गई। आत्मरक्षा में जवानों ने भी फायरिंग की जिसमें छह और लोग मारे गए।
स्थिति
इलाके में स्थिति नाजुक, गुस्साई भीड़ ने असम राइफल्स के कैंप को घेरा
घटना के कारण पूरे इलाके में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है और ग्रामीण गुस्से में हैं। उन्होंने असम राइफल्स के एक कैंप को भी घेर लिया। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि गुस्साए लोगों ने कैंप के एक हिस्से में आग लगाने की कोशिश की।
अफवाहों के कारण कानून-व्यवस्था न बिगड़े, ये सुनिश्चित करने के लिए मोन जिले में इंटरनेट, डाटा और SMS सेवाओं को बंद कर दिया गया है।
मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
जांच
मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय SIT गठित
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए पूरी घटना पर रोष और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्च-स्तरीय SIT मामले की विस्तृत जांच करेगी।
राज्य सरकार ने इस SIT का गठन कर भी दिया है जिसमें पांच सदस्य होंगे। ये SIT अपर पुलिस महानिदेशक संदीप एम तामगाडगे की देखरेख में जांच करेगी।
SIT को जांच पूरी करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।
जांच
असम राइफल्स ने अपने स्तर पर दिया जांच का आदेश
असम राइफल्स ने भी मामले में अपने स्तर पर जांच का आदेश दिया है। अपने बयान में असम राइफल्स ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि उग्रवादियों के मूवमेंट से जुड़ी भरोसेमंद जानकारी मिलने के बाद मोन जिले के तिरू में एक विशेष अभियान की योजना बनाई गई थी।
राज्य के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया है और सभी वर्गों से शांति बनाए रखने की अपील की है।