बांग्लादेश: कोरोना के दैनिक मामलों ने तोड़ा रिकॉर्ड, ऑक्सीजन संकट की आशंका
भारत के पड़ोसी बांग्लादेश में इन दिनों कोरोना संकट के चलते हालात खराब होने लगे हैं। बीते दिन यहां कोरोना के 11,525 नए मामले सामने आए और 167 लोगों की मौत हुई। महामारी की शुरुआत के बाद से ये एक दिन में मिले सर्वाधिक मरीज हैं। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारी देश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी होने की आशंका जताने लगे हैं। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
मामले बढ़ने के पीछे डेल्टा वेरिएंट का हाथ
कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज उछाल के बीच बांग्लादेश ने सोमवार को पहले से जारी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को एक हफ्ते और आगे बढ़ा दिया है। लॉकडाउन के दौरान पूरे देश में कड़े प्रतिबंध लागू किए गए हैं ताकि लोगों को घरों से बाहर निकलने से रोका जा सके। यहां पिछले महीने से बढ़ रहे मामलों के पीछे सबसे पहले भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट का हाथ माना जा रहा है।
मेडिकल ऑक्सीजन का संकट होने की आशंका
मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि को देखते हुए बांग्लादेश के कई अस्पतालों को मेडिकल ऑक्सीजन खत्म होने का डर सता रहा है। राजधानी ढाका में कई अस्पताल खतरे की घंटी बजा चुके हैं। यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अगर इसी दर से मामले बढ़ते रहे तो मेडिकल ऑक्सीजन की मांग को पूरा करना मुश्किल हो जाएगा। बीते सप्ताह यहां मेडिकल ऑक्सीजन की मांग 230 टन से पार पहुंच गई थी।
दो तिहाई ICU बिस्तर भरे
अलजजीरा पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में कुल 1,217 इन्टेंसिव केयर यूनिट (ICU) बिस्तर हैं। इनमें से 839 अकेले ढाका में हैं। मंगलवार को इनमें से केवल 356 बिस्तर खाली थे। संक्रमण की तेज रफ्तार, अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ बांग्लादेश वैक्सीन की कमी से भी जूझ रहा है। भारत द्वारा वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगाए जाने के बाद से यहां वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार पर असर पड़ा है।
आबादी के अनुपात में डॉक्टरों की संख्या भी कम
बांग्लादेश के जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की मौजूदा स्थिति की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के प्रवक्ता डॉ नजमुल इस्लाम ने कहा कि यहां 10,000 लोगों पर महज 5.6 डॉक्टर ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि अभी मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति का संकट नहीं आया है, लेकिन अगर संक्रमण ऐसे ही बढ़ता गया तो मांग को पूरा करना काफी मुश्किल हो जाएगा। निदेशालय के पास रोजाना 210-220 टन आपूर्ति की क्षमता है।
वैक्सीनेशन अभियान भी नहीं पकड़ पाया रफ्तार
बांग्लादेश ने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की तीन करोड़ खुराकों के लिए अनुबंध किया था, लेकिन भारत ने महामारी की दूसरी लहर के बीच वैक्सीन निर्यात पर रोक लगा दी थी। इसके चलते बांग्लादेश समेत दूसरे देशों को भी वैक्सीन मिलने में देरी हो रही है। बांग्लादेश अभी तक अपनी 16 करोड़ से अधिक आबादी में से केवल 40 लाख लोगों को ही वैक्सीनेट कर पाया है।
100 से अधिक देशों में फैला डेल्टा वेरिएंट
भारत में तबाही मचाने वाला कोरोना वायरस डेल्टा वेरिएंट अब तक दुनिया के 100 से अधिक देशों में फैल चुका है। यह अब तक का सबसे संक्रामक वेरिएंट है और लोगों को अधिक बीमार बनाता है। सिंगापुर और ब्रिटेन में संक्रमित मिल रहे 90 प्रतिशत मरीजों में इस वेरिएंट की पुष्टि हो रही है। ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में इसके कारण पाबंदियां लागू की गई हैं। रूस में यह रिकॉर्ड मौतों का कारण बन रहा है।