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आधार कानून के उल्लंघन पर UIDAI करेगा कार्रवाई, जुर्माना लगाने का भी अधिकार मिला
आधार कानून के उल्लंघन पर UIDAI करेगा कार्रवाई

आधार कानून के उल्लंघन पर UIDAI करेगा कार्रवाई, जुर्माना लगाने का भी अधिकार मिला

Nov 03, 2021
02:50 pm

क्या है खबर?

केंद्र सरकार ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को आधार कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने और जुर्माना लगाने का अधिकार दे दिया है। करीब दो साल पहले इस संबंध में कानून पारित हुआ था और अब इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके तहत UIDAI कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति कर सकता है और दोषियों पर एक करोड़ रुपये तक जुर्माना लगा सकेगा।

UIDAI

सबसे पहले UIDAI के बारे में जानिये

UIDAI एक वैधानिक प्राधिकरण है, जिसकी स्थापना आधार अधिनियम के तहत की गई है। इसकी स्‍थापना भारत के सभी निवासियों को आधार संख्‍या जारी करने के उद्देश्‍य से की गई थी ताकि दोहरी और फर्जी पहचान को समाप्‍त किया जा सके और उसे सरलता और किफायती लागत में सत्‍यापित और प्रमाणित किया जा सके। इस साल 31 मार्च तक प्राधिकरण देश के 129.99 करोड़ निवासियों को आधार कार्ड जारी कर चुका था।

जानकारी

2 नवंबर को जारी हुई अधिसूचना

आधार कानून का उल्लंघन होने पर UIDAI के पास शिकायत की जा सकती है। उसके बाद UIDAI के नियुक्त अधिकारी ऐसे मामलों को सुनकर फैसला करेंगे और कानून तोड़ने वाली संस्थाओं पर जुर्माना भी लगा सकेंगे। अगर कोई इन फैसलों से संतुष्ट नहीं होता तो उसके पास दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील करने का विकल्प होगा। न्यूज18 के अनुसार, यह अधिसूचना 2 नवंबर को जारी हुई थी।

आधार कानून

इसलिए लाया गया नया नियम

UIDAI को कार्रवाई करने का अधिकार देने के लिए सरकार 2019 में यह कानून लाई थी। इसमें बताया गया था कि निजता की रक्षा करने और UIDAI की स्वायत्ता सुनिश्चित करने के लिए आधार कानून को संशोधित करने की जरूरत है। इसके बाद कानून में सिविल पेनल्टी प्रावधान के लिए कानून में नया चैप्टर जोड़ा गया था। नियमों के तहत जुर्माने के तहत मिलने वाली राशि को प्राधिकरण के कोष में जमा किया जाएगा।

योग्यता

कौन ले सकेगा फैसला?

नए नियमों के तहत आधार कानून के उल्लंघन पर फैसला लेने वाला अधिकारी भारत सरकार में कम से कम संयुक्त सचिव के पद पर होना चाहिए और उसके पास 10 साल या इससे अधिक का अनुभव होना जरूरी है। इसके अलावा उस अधिकारी के पास कानून के विषय में तकनीकी या प्राशसनिक जानकारी भी होगी और प्रबंधन, IT या वाणिज्य के क्षेत्र में कम से कम तीन साल का अनुभव होना चाहिए।

प्रक्रिया

क्या होगी प्रक्रिया?

किसी मामले को पेश करने के लिए UIDAI एक प्रेजेंटिंग ऑफिसर को नामित करेगा। इस पर UIDAI की तरफ से फैसला लेने के लिए नियुक्त अधिकारी संबंधित व्यक्ति या संस्था को नोटिस जारी करेगा। इसमें पूछा जाएगा कि कानून के उल्लंघन पर उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाना चाहिए? फैसला लेने वाला अधिकारी मामले से संबंधित किसी भी व्यक्ति को हाजिर होने के लिए बुला सकता है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद मामले में फैसला लिया जाएगा।