ICICI-वीडियोकॉन मामले में CBI ने चंदा कोचर समेत 9 लोगों के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र
ICICI-वीडियोकॉन लोन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ICICI बैंक की पूर्व अध्यक्ष चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के संस्थापक वेणुगोपाल धूत के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र में इनके अलावा 6 और लोगों के नाम शामिल हैं। CBI ने IPC की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और 409 (आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दायर किया है।
CBI ने क्या आरोप लगाए हैं?
CBI के मुताबिक, ICICI बैंक ने वीडियोकॉन समूह को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, RBI के दिशा-निर्देश और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये का लोन जारी किया था। इसके बदले में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से नूपावर रिन्युवेबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया। आरोप ये भी है कि दीपक के वीडियोकॉन समूह के संस्थापक धूत के साथ व्यापारिक रिश्ते हैं। ऐसे में ये हितों का टकराव का मामला भी है।
आरोप पत्र में कंपनियों के भी नाम
CBI ने बताया कि आरोप पत्र में 9 नाम शामिल हैं, जिनमें व्यक्ति और कंपनियां भी हैं। एजेंसी का कहना है कि मुंबई की एक विशेष अदालत के सामने अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी है और चंदा कोचर के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अब बैंक से मंजूरी का इंतजार है। इसके लिए बैंक को पत्र लिख दिया गया है। अगर बैंक से मंजूरी नहीं मिलती है तो कोचर पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे।
लोन धोखाधड़ी का है मामला
मामले की शुरुआत 2012 में हुई थी। तब ICICI बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को SBI बैंक के नेतृत्व में बनाए गए कंसोर्टियम के जरिए 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था। तब चंदा कोचर ICICI बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक (MD) थीं। 2017 में वीडियकॉन ने बैंक से मिले कुल लोन में से 2810 करोड़ रुपये के लोन को वापस नहीं किया। बाद में बैंक ने इस लोन को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA) खाते में डाल दिया।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
मामले का खुलासा व्हिसल ब्लोअर और वीडियोकॉन समूह में निवेशक अरविंद गुप्ता की शिकायत के बाद हुआ था। उन्होंने साल 2016 में ICICI बैंक और वीडियोकॉन समूह के बीच हुए लेनदेन पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कोचर के कथित अनुचित व्यवहार और हितों के टकराव के बारे में जानकारी दी थी। मार्च, 2018 में अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार हुए थे कोचर दंपत्ति
इस मामले में 2018 में CBI ने मामला दर्ज किया था। इसके बाद CBI, आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और ICICI बैंक मामले की जांच कर रहे थे। 2018 में ही चंदा कोचर ने बैंक के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। पिछले साल दिसंबर में CBI ने कोचर दंपत्ति को हिरासत में ले लिया था। हालांकि, 9 जनवरी, 2023 को उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी।