उमेश पाल हत्याकांड: अतीक अहमद की बहन आयशा बनाई गईं आरोपी, गिरफ्तार कर सकती है पुलिस
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी को उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया है। पुलिस का दावा है कि जांच में पता चला है कि आयशा ने उमेश की हत्या करने वालों हमलावरों को प्रयागराज से भगाने के लिए अहम भूमिका निभाई थी। बतौर रिपोर्ट्स, प्रयागराज पुलिस इस मामले में अब आयशा को गिरफ्तार करने के लिए तैयारी कर रही है।
पुलिस ने क्या आरोप लगाया?
पुलिस के मुताबिक, आयशा नूरी और उनके पति डॉ. अखलाक अहमद ने 5 मार्च को मेरठ में गुड्डू मुस्लिम के साथ मुलाकात की थी। आयशा ने गुड्डू को भागने में मदद करने के लिए उसकी आर्थिक मदद भी की थी। बता दें कि इसके बाद आयशा नूरी 6 मार्च को अपनी बेटी उजनैला नूरी के साथ प्रयागराज पहुंचीं थीं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनके भाई अतीक और अशरफ निर्दोष हैं और उनकी जान को खतरा है।
आयशा ने पुलिस पर लगाए थे गंभीर आरोप
आयशा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर एनकाउंटर साजिश रचने का भी आरोप लगाया। गौरतलब है कि आयशा की कार कौशांबी के संदीपन घाट थाना क्षेत्र में लावारिस अवस्था में मिली थी, जिसके बाद कुछ पुलिसकर्मियों की निलंबित किया गया था।
साबरमती जेल में अलग सेल में रखा गया है अतीक- रिपोर्ट
बतौर रिपोर्ट्स, फिलहाल गुजरात के अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद अतीक को सुरक्षा कारणों के चलते अलग सेल में रखा गया है, जहां पर उसके किसी भी अन्य कैदी से मिलने या बात करने पर पाबंदी है। गौरतलब है कि उमेश पाल अपहरण मामले में सुनवाई के लिए अतीक को अहमदाबाद से प्रयागराज लाया गया था और सजा मिलने के बाद वापस उसे साबरमती जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
अतीक को उमेश पाल अपहरण मामले में हुई है आजीवन कारावास की सजा
पिछले महीने प्रयागराज की एक कोर्ट ने अतीक को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण मामले में दोषी ठहराया था। कोर्ट ने इस मामले में अतीक के अलावा दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बता दें कि उमेश का 28 फरवरी, 2006 को अपहरण हुआ था, जिसका आरोप अतीक और उसके साथियों पर लगा था।
फरवरी में हुई थी उमेश पाल की हत्या
बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में हत्या कर दी गई थी। उनकी सुरक्षा में लगे दो गनर गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनमें से एक की उसी दिन और दूसरे की 1 मार्च को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। घटना के समय उमेश जिला कोर्ट से अपने घर जा रहे थे और इस दौरान कुछ हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं।
क्या है बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का मामला?
25 जनवरी, 2005 को इलाहाबाद पश्चिम से बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोप अतीक अहमद पर लगा था। दरअसल, राजू पाल ने विधानसभा चुनाव में अतीक के भाई अशरफ को हराया था। इस मामले में अतीक मुख्य आरोपी है। इस हत्याकांड की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही थी, जिसमें उमेश मुख्य गवाह था। इसी के चलते उमेश की भी हत्या की गई थी।