बृजभूषण सिंह WFI अध्यक्ष की गतिविधियों से हटने की जगह कुश्ती प्रतियोगिता में बने मुख्य अतिथि
महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) द्वारा गठित सात सदस्यीय समिति जांच कर रही है। समिति ने बृजभूषण को जांच चलने तक WFI अध्यक्ष की नियमित गतिविधियों से दूर रहने को कहा है। इसके बाद भी वह समिति के आदेश मानने की जगह उत्तर प्रदेश के गोंडा में आयोजित राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि बनकर पहुंच गए।
समिति ने क्या दिया था आदेश?
इस मामले में IOA ने सात सदस्यीय समिति को चार सप्ताह में मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था। इस पर समिति ने अपनी जांच शुरू की और बृजभूषण को जांच पूरी होने तक WFI अध्यक्ष से संबंधित नियमित गतिविधियों से दूर रहने के लिए कहा था। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी सहमति जताई थी और कहा था बृजभूषण इसमें सहयोग करेंगे। उनके इस बयान के बाद ही पहलवानों ने अपना धरना खत्म किया था।
कुश्ती प्रतियोगिता में हुआ बृजभूषण का जोरदार स्वागत
समिति के आदेश के बाद भी बृजभूषण खेल गतिविधियों से दूर हटने की जगह गौंडा में आयोजित तीन दिवसीय सीनियर राष्ट्रीय ओपन रैंकिंग कुश्ती प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि बनकर पहुंच गए। वहां आयोजकों ने भी उनका जोरदार स्वागत किया और उन्हें WFI अध्यक्ष और भाजपा नेता कहकर संबोधित किया गया। इतना ही नहीं इस कार्यक्रम की तस्वीरों को बृजभूषण ने खेल मंत्री ठाकुर को भी फेसबुक पर टैग किया है।
बृजभूषण ने फेसबुक पोस्ट में क्या लिखा?
बृजभूषण ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'आज देर शाम गौंडा में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के हजारों महिला और पुरुष खिलाड़ियों से मुलाकात की और उन्हें भविष्य की सफलता के लिए बधाई दी।'
WFI के सहायक सचिव ने किया बृजभूषण का बचाव
इस मामले में WFI के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि बृजभूषण अध्यक्ष थे। उन्हें न तो निलंबित किया है और न ही बर्खास्त किया गया। उन्होंने कहा कि वह अभी WFI अध्यक्ष हैं। जांच पूरी होने तक वह अपने कर्तव्यों से मुक्त हो रहे हैं। अब वह WFI की वार्षिक बैठक की अध्यक्षता नहीं करेंगे और हस्ताक्षरकर्ता नहीं होंगे। इसी तरह वह किसी भी चेक या प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, लेकिन आयोजनों में जा सकते हैं।
"बृजभूषण को ऐसे कार्यक्रमों में जाने से बचना चाहिए"
न्यूज 18 के अनुसार, केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "मामल की जांच पूरी होने तक उन्हें अध्यक्ष पद की आम गतिविधियों से हटने के लिए कहा गया है। ऐसे में नियमानुसार उन्हें गौंडा में आयोजित कुश्ती टूर्नामेंट में जाने से बचना चाहिए था।" बता दें कि धरना देने वाले पहलवानों ने इसी शर्त पर धरना समाप्त किया था कि जांच पूरी होने तक बृजभूषण अध्यक्ष पद की गतिविधियों से दूर रहेंगे और अपना प्रभाव नहीं दिखाएंगे।
WFI ने मामले में खेल मंत्रालय को भेजा जवाब
इधर, मामले में खेल मंत्रालय की ओर से 72 घंटे में जवाब मांगने के आदेश के बाद WFI ने इसकी पालना कर दी है। मंत्रालय को भेजे जवाब में WFI ने खिलाड़ियों के धरने को निजी स्वार्थ और मौजूदा प्रबंधन को हटाने के लिए षड्यंत्र करार दिया है। इसके अलावा घटना को WFI और अध्यक्ष को बदनाम करने की साजिश बताया है। WFI ने कहा कि उसके 26 अगल-अलग संघों में से अधिकतर ने बृजभूषण पर विश्वास जताया है।
खेल मंत्रालय ने तोमर को किया निलंबित
WFI के सहायक सचिव तोमर के बृजभूषण का समर्थन करने और पहलवानों के धरने पर सवाल खड़े करने को लेकर खेल मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई की है। मंत्रालय ने देर शाम तोमर को उनके बयानों को लेकर निलंबित कर दिया। बता दें कि तोमर ने कहा था कि बृजभूषण पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप पूरी तरह गलत हैं और यह पहलवानों की उनके और WFI के खिलाफ साजिश है। आगमी बैठक में मामले पर और चर्चा की जाएगी।
क्या है पहलवानों के यौन उत्पीड़न का पूरा मामला?
18 जनवरी को विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी समेत 30 पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने WFI अध्यक्ष बृजभूषण और कुछ कोच पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाया था। विनेश ने कहा था कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह लड़कियों से FIR कराएंगे। इस मामले में खेल मंत्रालय ने WFI से जवाब मांगा था और खेल मंत्री ठाकुर ने पहलवानों के साथ कई दौर की वार्ता भी की थी।