कोरोना वायरस: सचिन ने दान किए 50 लाख रूपये, एथलीट्स ने भी शुरु की मुहिम
कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है और लॉकडाउन में होने के बावजूद भारत में इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस जानलेवा वायरस से निपटने के लिए भारत के पूर्व महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 50 लाख रूपये का दान किया है। फिलहाल यह खेल के क्षेत्र से आने वाली भारत की सबसे बड़ी सहायता राशि है। आइए जानते हैं कोरोना से निपटने के लिए हमारे खिलाड़ी क्या-क्या सहयोग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री राहतकोष को सचिन ने किया दान
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक सचिन ने कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए 50 लाख रूपये का दान किया है। एजेंसी के मुताबिक, "यह सचिन का निर्णय था कि वह कोरोना वायरस से निपटने के लिए आर्थिक सहयोग देना चाहते हैं। सचिन ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री राहतकोष में 25-25 लाख रूपये का आर्थिक सहयोग किया है।" सचिन द्वारा दिया गया मुख्यमंत्री राहतकोष का आर्थिक सहयोग महाराष्ट्र में इस्तेमाल किया जाएगा।
अन्य भारतीय क्रिकेटर्स ने क्या किया?
इरफान और युसुफ पठान ने बड़ौदा में पुलिस और स्वास्थकर्मियों में 4,000 मास्क बांटे हैं। पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने पुणे की एक एनजीओ के माध्यम से एक लाख रूपये का आर्थिक सहयोग दिया है। BCCI प्रेसीडेंट सौरव गांगुली ने 50 लाख रूपये की कीमत के चावल का सहयोग दिया है जिसे गरीब लोगों में बांटा जाएगा। इसके अलावा वह एकांतवास के लिए ईडन गार्डन को भी उपलब्ध कराने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।
भारतीय एथलीट्स ने भी किया है आर्थिक सहयोग
भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने अपनी छह महीने की सैलरी को दान करने का ऐलान किया है। ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत चुकी स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने 10 लाख रूपये का आर्थिक सहयोग दिया है। युवा स्प्रिंटर हिमा दास ने अपनी एक महीने की सैलरी को असम अरोग्य निधि अकाउंट में दान करने का निर्णय लिया है। सानिया मिर्जा ने सामाजिक संस्था safa को आर्थिक सहयोग दिया है।
भारत में लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले
कोरोना वायरस के मामले भारत में लगातार बढ़ रहे हैं और इनकी कुल संख्या 724 हो चुकी है। भारत में कोरोना से 67 मरीज ठीक भी हो चुके हैं तो वहीं 17 लोगों की इससे जान जा चुकी है। कोरोना के कारण भारत में सबसे कम उम्र में मरने वाले व्यक्ति 38 साल का था। फिलहाल भारत में कोरोना के 640 एक्टिव केस हैं। केरला और महाराष्ट्र सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं।